प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारी उद्योग विभाग के निम्मलिखित प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी हैः
i. एचएमटी वॉचेज लिमिटेड की बंगलुरू और तुमकुर स्थित 208.35 एकड़ भूमि का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को 1194.21 करोड़ रुपये और लागू करों एवं ड्यूटी का भुगतान करने पर हस्तांतरण।
ii. एचएमटी लिमिडेट की बंगलुरू (वैश्विक गोदाम यानी ग्लोबल वेयरहाउस) स्थित एक एकड़ भूमि का गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) को 34.30 करोड़ रुपये और लागू करों एवं ड्यूटी का भुगतान करने पर हस्तांतरण।
तत्काल देनदारियों को पूरा करने के बाद और लेनदेन से उत्पन्न होने वाली कर देनदारियों के लेखांकन के लिए भूमि की बिक्री से होने वाली आय को कंपनी को ऋण और एडवांस के बदले में सरकारी खाते में जमा कराना होगा।
पृष्ठभूमि
एचएमटी वॉचेज लिमिटेड आम भारतीयों के लिए घड़ियों का निर्माण करने वाली अग्रणी कंपनी थी और एक समय में उसे टाइम कीपर्स ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता था। उसे मौजूदा प्रतिस्पर्धात्मक आर्थिक परिदृश्य में पुनरुत्थान के लिए कोई गुंजाइश न रहने के बाद घाटे के चलते अपना संचालन बंद करना पड़ा था। जनवरी, 2016 में सभी कर्मचारियों को आकर्षक वीआरएस/वीएसएस के प्रस्ताव के साथ इसके बंद करने का फैसला किया गया। बंगलुरू और तुमकुर के कर्मचारियों ने भारत सरकार द्वारा स्वीकृत इस स्वर्णिम योजना का लाभ उठाया और खुशी-खुशी अपने घर चले गए।
एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एचएमटी वॉचेज लिमिटेड की भूमि की केंद्र सरकार की दूसरी संस्थाओं अर्थात इसरो और गेल को बिक्री/हस्तांतरण उत्पादक संसाधनों को स्वतंत्र करेगी और इससे बड़े सार्वजनिक हित में दुर्लभ भूमि संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा।