प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय के अधीन डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ लाइटहाउसेज एंड लाइटशिप्स (डीजीएलएल) और बांग्लादेश सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ शिपिंग के बीच ऐड्स टु नेविगेशन (एटुएन) पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी है।
एमओयू के तहत भारत और बांग्लादेश के बीच इन मुद्दों पर सहयोग की परिकल्पना की गई है:
क. लाइटहाउसों और बीकनों पर सलाह देने के लिए,
ख. पोत यातायात सेवा और स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) की श्रृंखला पर सलाह के लिए और
ग. बांग्लादेश के एटुएन मैनेजर्स और तकनीशियनों को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मरीन ऐड्स टु नेविगेशन एंड लाइटहाउस अथॉरिटीज (आईएएलए) प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए।
यह एमओयू दोनों देशों को निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग के लिए समर्थ बनाएगा:
क. एटुएन पर सलाह देने में,
ख. एटुएन कर्मियों को प्रशिक्षण देकर अकादमिक संपर्क बढ़ाने में और
ग. एटुएन क्षेत्र में कौशल बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं/सम्मेलनों के आयोजन में आवश्यक सहयोग प्रदान करने में।
यह एमओयू दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एटुएन प्रशिक्षण के क्षेत्र में क्षमता निर्माण में बेहतर सहयोग प्रदान करने में भी मदद करेगा। इससे नेविगेशन के लिए समुद्री ऐड्स के प्रबंधन पर आईएएलए मॉडल कोर्स ई-141/1 के आधार पर प्रशिक्षण को बढ़ावा मिलेगा और उसके लिए आईएएलए दिशानिर्देशों के अनुरूप पेशेवर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की डिलिवरी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं। दोनों देशों की मित्रता और सौहार्दपूर्ण संबंधों की लंबी परंपरा रही है जो हाल के वर्षों में दोनों पक्षों के कई द्विपक्षीय दौरे के दौरान दिखी है।
पृष्ठभूमि:
इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन (आईएमओ) की जरूरतों के अनुसार, विभिन्न देशों के अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सिफारिशों एवं दिशानिर्देशों के तहत उनके समुद्री क्षेत्र में नेविगेशन के लिए उपयुक्त सहायता प्रदान करना होता है। नेविगेशन के लिए समुद्री ऐड्स जैसे लाइटहाउस, बीकन, डीजीपीएस, नेविगेशनल एवं मूरिंग बॉयज का संचालन जहाजों और/अथवा पोतों के यातायात की सुरक्षा और कुशलता बढ़ाने के लिए किया जाता है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ लाइटहाउसेज एंड लाइटशिप्स ने भारतीय समुद्र में सुरक्षित आवाजाही के लिए भारत में ऐड्स टु नेविगेशन स्थापित किया है। डीजीएलएल को लाइटहाउस इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता प्राप्त है और उसके पास ऐड्स टु नेविगेशन की एक विशाल इन्वेंटरी है जिसमें 193 लाइहाउस, 64 बीकन, 22 गहरे समुद्री में प्रकाशित वॉयज, 23 डीजीपीएस स्टेशन, 01 लाइटशिप, 04 टेंडर वेसेल, नेशनल एआईएस नेटवर्क और खाड़ी से लेकर कच्छ तक वेसेल ट्रैफिक सर्विस शामिल हैं।
आईएएलए एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो सभी ऐड्स टु नेविगेशन के उपयोग में समन्वय और तालमेल बिठाने में मदद करती है। भारत डीजीएलएल के माध्यम से आईएएलए परिषद में अपनी सदस्यता का प्रतिनिधित्व करता है। क्षेत्रीय सहयोग की ओर उठाए गए इस कदम के तहत भारत और बांग्लादेश ने एटुएन में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के अनुसार, भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय की ओर से डीजीएलएल अपने समकक्ष बांग्लादेश के डिपार्टमेंट ऑफ शिपिंग को वेसेल ट्रैफिक सर्विस, चेन ऑफ ऑटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम सहित एटुएन पर सहलाह प्रदान करेगा। बांग्लादेश के एटुएन कर्मियों के प्रशिक्षण के क्रम में डीजीएलएल एटुएन मैनेजरों एवं तकनीशियनों के लिए आईएएलए प्रशिक्षण मॉड्यूल के तहत प्रशिक्षण के लिए कार्यशालाओं/सम्मेलनों का आयोजन करेगा। इससे बांग्लादेश के एटुएन कर्मियों को क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी।