मंच पर विराजमान गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी श्री सी. आर. पाटिल जी, राज्य सरकार के मंत्रीगण, यहां उपस्थित सारे जनप्रतिनिधिगण और सूरत के मेरे भाइयों एवं बहनों!
आप सब कैसे हैं? आनंद में हैं?
मेरा सौभाग्य है कि आज देश की जनता ने, और गुजरात ने मुझे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर सेवा करने का अवसर प्रदान किया। और इसके बाद मेरी सूरत की यह प्रथम मुलाकात है। गुजरात ने जिसका निर्माण किया, उसको देश ने प्यार से अपनाया। मैं हमेशा-हमेशा के लिए आपका ऋणी रहूंगा, आपने मेरे जीवन के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आज जब सूरत आया हूं, तो सूरत की स्पिरिट याद ना आए, देखने को ना मिले, ऐसा भला कैसे संभव है। काम और दान, ये दो ऐसी चीज़ें हैं, जो सूरत को और विशेष बनाती है। एक दूसरे को सपोर्ट करना, सबके विकास को सेलिब्रेट करना, ये हमें सूरत के हर कोने में दिखता है। आज का ये कार्यक्रम, सूरत की इसी स्पिरिट को, इसी भावना को आगे बढ़ाने वाला है।
साथियों,
सूरत अनेक मामलों में गुजरात का, देश का, एक लीडिंग शहर है। अब सूरत आज गरीब को, वंचित को, भोजन और पोषण की सुरक्षा देने के मिशन में भी आगे निकल रहा है। यहां सूरत में जो खाद्य सुरक्षा सैचुरेशन अभियान चलाया गया है, ये देश के दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। ये सैचुरेशन अभियान सुनिश्चित करता है- जब 100 प्रतिशत सबको मिलता है, तो पक्का हो जाता है। ये सुनिश्चित करता है- ना कोई भेदभाव, ना कोई छूटे, ना कोई रूठे और ना कोई किसी को ठगे। ये तुष्टिकरण की भावना को छोड़कर के, उन कुरीति को छोड़कर के संतुष्टिकरण की पवित्र भावना को आगे बढ़ाता है। जब सरकार ही लाभार्थी के दरवाजे जा रही है, तो फिर कोई छूटेगा कैसे, और जब कोई छूटेगा नहीं, तो कोई रूठेगा भी नहीं, और जब सोच ये हो कि हमें सब तक लाभ पहुंचाना है, तो ठगने वाले भी दूर भाग जाते हैं।
साथियों,
इसी सैचुरेशन अप्रोच के चलते यहां प्रशासन ने सवा दो लाख से अधिक नए लाभार्थियों की पहचान की है। इनमें बहुत बड़ी संख्या में, हमारे बुजुर्ग माताएं-बहनें, हमारे बुजुर्ग भाई-बहन, हमारी विधवा माताएं-बहनें, हमारे दिव्यांगजन, इन सबको इसमें जोड़ा गया है। अब ऐसे सभी हमारे नए परिवारजनों को भी मुफ्त राशन मिलेगा, पोषक खाना मिलेगा। मैं सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
हम सभी ने एक कहावत सुनी है, बार-बार कानों पर पड़ता था- रोटी-कपड़ा और मकान, यानि रोटी का महत्व, कपड़े और मकान, दोनों से ऊपर है। और जब किसी गरीब को रोटी की चिंता होती है, तो उसका दर्द क्या होता है, वो मुझे किताबों में नहीं पढ़ना पड़ता, मैं इसे अनुभव कर सकता हूं। इसलिए बीते वर्षों में हमारी सरकार ने जरूरतमंद की रोटी की चिंता की है, भोजन की चिंता की है। गरीब के घर में चूल्हा नहीं जलता, बच्चे आंसू पीकर सो जाते हैं- यह अब भारत को स्वीकार नहीं है, और इसलिए रोटी और मकान की व्यवस्था करना हमारी प्राथमिकता है।
साथियों,
आज मुझे संतोष है, हमारी सरकार गरीब की साथी बनकर, सेवक के भाव से उसके साथ खड़ी है। कोविड काल में, जब देशवासियों को सपोर्ट की सबसे ज्यादा ज़रूरत थी, तब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, ये मानवता को महत्व देने वाली, गरीब के घर में चूल्हा जलता रहे, इसलिए गरीब कल्याण योजना शुरु की। ये दुनिया की सबसे बड़ी और अपने आप में एक अनूठी योजना है, जो आज भी चल रही है। मुझे खुशी है कि गुजरात सरकार ने इसको विस्तार भी दिया है। गुजरात ने आय सीमा बढ़ाई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी इसका लाभ ले सकें। आज हर साल केंद्र सरकार करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपए, गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, इसलिए खर्च कर रही है।
साथियों,
विकसित भारत की यात्रा में पौष्टिक भोजन की बड़ी भूमिका है। हमारा लक्ष्य देश के हर परिवार को पर्याप्त पोषण देने का है। ताकि कुपोषण और अनीमिया जैसी बड़ी समस्याओं से देश मुक्त हो सके। पीएम पोषण स्कीम के तहत करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों को पोषक आहार दिया जा रहा है। सक्षम आंगनबाड़ी कार्यक्रम के तहत, छोटे बच्चों, माताओं, गर्भवती महिलाओं के पोषण की चिंता की जा रही है। पीएम मातृ वंदना योजना के तहत भी, गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार के लिए हज़ारों रुपए दिए जा रहे हैं।
साथियों,
पोषण सिर्फ अच्छे खान-पान तक सीमित नहीं है, स्वच्छता भी इसका बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए साफ-सफाई पर हमारी सरकार बहुत ही बल दे रही है। और सूरत की बात करें तो स्वच्छता के मामले में जब भी देशभर में प्रतियोगिता होती है, सूरत हमेशा पहले-दूसरे स्थान पर होता ही है। इसलिए सूरत के लोग अभिनंदन के अधिकारी तो हैं ही।
साथियों,
हमारा प्रयास है कि देश का हर शहर, हर गांव गंदगी से मुक्ति के लिए लगातार काम करता रहे। आज दुनिया की अनेक बड़ी संस्थाएं कह रही हैं कि स्वच्छ भारत अभियान से गांवों में बीमारियां कम हुई हैं। अभी हमारे सी आर पाटिल जी के पास पूरे देश के जल मंत्रालय की जिम्मेदारी है। उनकी देखरेख में हर घर जल अभियान चल रहा है। इससे जो साफ पानी घर-घर पहुंच रहा है, इससे भी बहुत सारी बीमारियों में कमी आई है।
साथियों,
आज हमारी मुफ्त राशन की योजना ने करोड़ों लोगों का जीवन आसान किया है। आज असली हकदार को उसके हक का पूरा राशन मिल पा रहा है। लेकिन 10 साल पहले तक ये संभव नहीं था। आप कल्पना कर सकते हैं, हमारे देश में 5 करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड धारक थे। अपने यहां गुजराती में इसे भूतिया कार्ड कहते हैं, देश में 5 करोड़ ऐसे नाम थे, जो कभी पैदा ही नहीं हुए थे, जिसका जन्म ही नहीं हुआ, उनके राशन कार्ड बन जाए। और उसका राशन खाने वाले चोर-लुटेरों की जमात भी रेडी हो, जो गरीब के राशन के नाम पर गरीबों के हक का खा जाते थे, आप सबने सिखाया है, इसलिए मैंने क्या किया, सफाया कर दिया। हमने इन 5 करोड़ फर्जी नामों को सिस्टम से हटाया, हमने राशन से जुड़ी पूरी व्यवस्था को आधार कार्ड से लिंक किया। आज आप राशन की सरकारी दुकान में जाते हैं और अपने हिस्से का राशन ले पाते हैं। हमने राशन कार्ड से जुड़ी एक और बड़ी समस्या को हल किया है।
सूरत में, बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आए हमारे श्रमिक साथी काम करते हैं, यहां भी मैं कई चेहरे देख रहा था, कोई उड़िया है, कोई तेलुगू है, कोई महाराष्ट्र से है, कोई बिहार से है, कोई उत्तर प्रदेश से है। एक जमाना था, पहले एक जगह का राशन कार्ड दूसरी जगह नहीं चलता था। हमने इस समस्या का समाधान किया। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया। अब राशन कार्ड चाहे कहीं का भी हो, लाभार्थी को उसका फायदा देश के हर शहर में मिलता है। यहां सूरत के भी अनेकों श्रमिकों को इसका लाभ हो रहा है। ये दिखाता है कि जब सच्ची नीयत के साथ नीति बनती है, तो उसका फायदा गरीब को जरूर मिलता है।
साथियों,
बीते दशक में पूरे देश में हमने गरीब को सशक्त करने के लिए मिशन मोड पर काम किया है। गरीब के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा कवच बनाया गया, ताकि उसे किसी के सामने भी हाथ फैलाने की नौबत ना आए। पक्का घर हो, टॉयलेट हो, गैस कनेक्शन हो, नल कनेक्शन हो, इससे गरीबों को नया आत्मविश्वास मिला। इसके बाद हमने बीमा का एक सुरक्षा कवच गरीब परिवार को दिया। पहली बार, करीब 60 करोड़ भारतीयों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ। लाइफ इंश्योरेंस और एक्सीडेंट इंश्योरेंस के बारे में तो गरीब परिवार पहले सोच ही नहीं पाता था। हमारी सरकार ने गरीब को, निम्न मध्यम वर्ग को, बीमा का सुरक्षा कवच भी दिया। आज देश के 36 करोड़ से ज्यादा लोग सरकारी बीमा योजनाओं से जुड़े हैं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि अभी तक 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा क्लेम राशि के रूप में इन गरीब परिवारों को मिल चुकी है। यानि ये पैसा, मुश्किल समय में परिवारों के काम आया है।
साथियों,
जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूजा है। आप वो दिन याद करिए, गरीब को अपना कोई काम शुरु करना होता था, तो उसको बैंक के दरवाजे तक भी घुसने नहीं दिया जाता था, पैसे देने का तो सवाल ही नहीं था। और बैंक वाले गरीब से गारंटी मांगते थे। अब गरीब गारंटी कहां से लाएगा, और गरीब को गारंटी कौन देगा, तो गरीब मां के बेटे ने तय कर लिया कि हर गरीब की गारंटी मोदी देगा। मोदी ने ऐसे गरीब की गारंटी खुद ली और मुद्रा योजना शुरू की। आज मुद्रा योजना से करीब-करीब 32 लाख करोड़ रुपए, ये आंकड़ा, जो हमारे हमें रोज गालियां देते रहते हैं ना, उनको जब 32 लाख लिखना है तो कितनी जीरो होते हैं, ये भी समझ नहीं है। ये जीरो सीट वालों को ये समझ नहीं आएगा। 32 लाख करोड़ रुपया बिना गारंटी के दिए गए हैं, मोदी ने ये गारंटी ली है।
साथियों,
रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले हमारे साथियों को सहायता देने वाला भी पहले कोई नहीं था। वो बेचारा सुबह अगर सब्जी का ठेला चलाता है, तो किसी साहूकार से हजार रुपया लेने जाता था, वो हजार लिखता था, 900 देता था। वो दिन भर मजदूरी कर करके, कमा करके शाम को जब पैसे देने जाता था, फिर वो हजार मांगता था। अब बताइए, वह गरीब बेचारा क्या कमाएगा, बच्चों को क्या खिलाएगा। हमारी सरकार ने स्वनिधि योजना से उनको भी बैंकों से मदद दिलवाई, सड़क पर बैठने वाले, ठेलों पर सामान बेचने वाले सभी लोगों के लिए इस वर्ष के बजट में तो ऐसे साथियों के लिए हमने एक विशेष क्रेडिट कार्ड देने का भी ऐलान किया है। हमारे विश्वकर्मा साथी, जो हर राज्य में, हर गांव-शहर में रोजमर्रा के किसी ना किसी काम से जुड़े हैं, उनके लिए भी पहली बार सोचा गया। देशभर में हज़ारों-हज़ार ऐसे साथी आज पीएम विश्वकर्मा स्कीम के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं, उनको आधुनिक टूल दिए जा रहे हैं, उनको नई-नई डिजाइन सिखाई जाती है। और इस काम को आगे बढाने के लिए उनको धन भी दिया जाता है, पैसे भी दिए जाते हैं। अपने परंपरागत काम को वो आगे बढ़ा रहे हैं। और यही तो सबका साथ-सबका विकास है। ऐसे ही प्रयासों के कारण, बीते दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी हटाओ के नारे, 50 साल तक देश सुन-सुन करके थक गया था, देशवासियों के कान पक गए थे। हर बार चुनाव आते ही गरीबी हटाओ, गरीबी हटाओ के नारे लगते थे, लेकिन गरीबी हटती नहीं थी। आपने मुझे इस तरह गढ़ा कि मैंने वहां जाकर ऐसा काम किया कि आज 25 करोड़ से ज्यादा लोग, मेरे भारत के गरीब परिवार, 25 करोड़ से ज्यादा गरीब, गरीबी से बाहर निकले हैं।
साथियों,
यहां सूरत में बड़ी संख्या में हमारे मध्यम वर्ग के परिवार रहते हैं। मिडिल क्लास का देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए, बीते दशक में मिडिल क्लास को सशक्त करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इस वर्ष के बजट में इसी भावना को आगे बढ़ाया गया है। इनकम टैक्स में जो राहत दी गई है, उससे दुकानदारों को, कारोबारियों को, कर्मचारियों को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। अब 12 लाख रुपए तक की आय पर ज़ीरो टैक्स हो चुका है। किसी ने सोचा तक नहीं था, ये हमने करके दिखाया है। और इतना ही नहीं, जो नौकरीपेशा लोग हैं, उनको तो पौने तेरह लाख तक अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। जो टैक्स स्लैब हैं, उनको भी नए सिरे से बनाया गया है। इसका फायदा, हर टैक्सपेयर को होगा। यानि अब देश के, गुजरात के, सूरत के मिडिल क्लास परिवारों के पास ज्यादा पैसा बचेगा। ये पैसा, वो अपनी ज़रूरतों पर खर्च करेगा, इसे वो अपने बच्चों के बेहतर फ्यूचर पर लगाएगा।
साथियों,
सूरत, उद्यम करने वालों का शहर है, यहां बहुत बड़ी संख्या में छोटे-बड़े उदयोग हैं, MSMEs हैं। सूरत लाखों लोगों को रोजगार देता है। हमारी सरकार, आज लोकल सप्लाई चेन को मज़बूत बनाने में जुटी हैं। इसलिए, MSMEs को बहुत अधिक मदद दी जा रही है। सबसे पहले हमने MSMEs की परिभाषा बदली। इससे MSMEs के लिए अपना विस्तार करने का रास्ता खुला। इस वर्ष के बजट में इस परिभाषा में और सुधार किया गया है। बीते वर्षों में हमने MSMEs के लिए लोन लेने की प्रक्रिया को आसान किया है। MSMEs के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा इस बजट में की गई है। इससे MSMEs को बहुत मदद मिलेगी। हमारा प्रयास है कि हमारी SC/ST वर्गों के हमारे युवा ज्यादा से ज्यादा संख्या में उद्यमी बनें, MSMEs सेक्टर में आएं। इसमें मुद्रा स्कीम ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ष के बजट में पहली बार उद्यम करने वाले ऐसे वर्गों के साथियों को 2 करोड़ रुपए का लोन देने की घोषणा की गई है, दलित आदिवासी और महिलाएं, 2 करोड़ रूपया। इसका बहुत अधिक फायदा सूरत के, गुजरात के हमारे नौजवान उठा सकते हैं, और मैं आपसे आग्रह करता हूं, आइए मैदान में, मैं आपके साथ खड़ा हूं।
साथियों,
भारत को विकसित बनाने वाले अनेक सेक्टर्स में सूरत की बहुत बड़ी भूमिका है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि यहां के टेक्सटाइल्स, केमिकल और इंजीनियरिंग से जुड़े उद्योगों का विस्तार हो। हम सूरत को ऐसा शहर बनाना चाहते हैं, जहां global business footprint हों, एक ऐसा शहर, जहां शानदार कनेक्टिविटी हो, इसलिए हमने सूरत एयरपोर्ट की नए integrated टर्मिनल बिल्डिंग को बनवाया। सूरत के लिए western dedicated freight corridor, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और आने वाले समय में बुलेट ट्रेन, ये बहुत अहम प्रोजेक्ट है। सूरत मेट्रो से भी शहर की कनेक्टिविटी और शानदार होने जा रही है। सूरत देश के सबसे वेल कनेक्टेड सिटी बनने की राह पर तेज गति से चल रहा है। इन सब प्रयासों से सूरती लोगों का जीवन आसान हो रहा है, उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ भी बढ़ रही है।
साथियों,
आपको पता होगा, कुछ दिन पहले मैंने देश की नारीशक्ति से अपनी सफलताओं को, अपनी उपलब्धियों को, अपने जीवन की प्रेरणादायी यात्रा को नमो ऐप पर शेयर करने का आग्रह किया था। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि अनेक बहनों-बेटियों ने नमो ऐप पर अपनी गाथाएं शेयर की हैं। कल ही महिला दिवस है। और कल महिला दिवस के मौके पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को, ऐसी ही कुछ प्रेरणादायी बहनों-बेटियों को सौंपने जा रहा हूं। इन महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में देश के विकास में, समाज के विकास में बड़ी भूमिका निभाई है। ये देश की दूसरी माताओं-बहनों-बेटियों को भी प्रेरणा देगा। महिला दिवस का ये अवसर, नारीशक्ति की उपलब्धियों को सेलीब्रेट करने का अवसर है। हम अपने देश में, हर क्षेत्र में देखते हैं कि कैसे नारीशक्ति हर सेक्टर में अपना योगदान दे रही हैं। और हमारा गुजरात तो इसका कितना बड़ा उदाहरण है। और कल ही नवसारी में, मैं नारीशक्ति को समर्पित एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा भी लेने जा रहा हूं। सूरत में आज हो रहे इस कार्यक्रम का भी बड़ा लाभ महिलाओं को ही मिलेगा, और मैंने देखा बहुत बड़ी मात्रा में आज माताएं-बहनें आशीर्वाद देने के लिए आई हैं।
साथियों,
सूरत ऐसे ही, मिनी भारत के रूप में, विश्व के एक शानदार शहर के रूप में विकसित होता रहे, इसके लिए हम हर प्रयास करते रहेंगे। और जहां के लोग जानदार होते हैं ना, उनके लिए सब कुछ शानदार होना चाहिए। एक बार फिर सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई। और मेरे सूरत के भाई-बहनों बहुत-बहुत आभार, फिर मिलेंगे, राम-राम।
धन्यवाद।
डिस्क्लेमर: प्रधानमंत्री के भाषण का कुछ अंश कहीं-कहीं पर गुजराती भाषा में भी है, जिसका यहाँ भावानुवाद किया गया है।
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MJPS/ST/RK/AK
The Surat Food Security Saturation Campaign Programme is a remarkable step in India's mission for food and nutrition security. https://t.co/sjZCJz5PkE
— Narendra Modi (@narendramodi) March 7, 2025
सूरत में जो खाद्य सुरक्षा Saturation अभियान चलाया गया है...ये देश के दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा: PM @narendramodi pic.twitter.com/OHkU3L7Z2J
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2025
हमारी सरकार गरीब की साथी बनकर हमेशा उसके साथ खड़ी है: PM @narendramodi pic.twitter.com/OvfABC2ACZ
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2025
विकसित भारत की यात्रा में पौष्टिक भोजन की बड़ी भूमिका है: PM @narendramodi pic.twitter.com/MOaRB2Kknf
— PMO India (@PMOIndia) March 7, 2025
मुझे विश्वास है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ की स्पिरिट को आत्मसात करने वाले हमारे सूरत का खाद्य सुरक्षा सैचुरेशन अभियान देश के दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। pic.twitter.com/wLQ18IX7Cu
— Narendra Modi (@narendramodi) March 7, 2025
हर परिवार को पर्याप्त पोषण देने के अपने लक्ष्य की ओर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ताकि कुपोषण और एनीमिया जैसी बड़ी समस्याओं से देश मुक्त हो सके। pic.twitter.com/UBxKyruHqn
— Narendra Modi (@narendramodi) March 7, 2025
बीते एक दशक में हमने अपने गरीब भाई-बहनों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर मिशन मोड पर काम किया है, जिससे उनका जीवन बहुत आसान हुआ है। pic.twitter.com/O5tMe2FED8
— Narendra Modi (@narendramodi) March 7, 2025