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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगार सृजन- जनमानस, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश को बढ़ावा देने पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगार सृजन- जनमानस, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश को बढ़ावा देने पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार पर बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने वेबिनार के विषय‍ वस्‍तु “जनमानस, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश” के महत्व पर प्रकाश डाला, जो विकसित भारत के लिए रोडमैप को परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट इस विषय‍ वस्‍तु को बड़े पैमाने पर दर्शाता है और भारत के भविष्य के लिए एक खाका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे, उद्योगों, लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश को समान रूप से प्राथमिकता दी गई है। इस बात को रेखांकित करते हुए कि क्षमता निर्माण और प्रतिभा का विकास राष्ट्र की प्रगति का आधार हैं, श्री मोदी ने सभी हितधारकों से आगे आकर इन क्षेत्रों में अधिक निवेश करने का आग्रह किया क्योंकि विकास के अगले चरण में इसकी आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह देश की आर्थिक सफलता के लिए आवश्यक है और हर संगठन की सफलता का आधार है।

श्री मोदी ने कहा, “लोगों की निवेश करने की कल्‍पना तीन स्तंभों पर टिकी है: शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य सेवा”, उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली कई दशकों के बाद एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आईआईटी का विस्तार, शिक्षा प्रणाली से प्रौद्योगिकी को जोड़ने और एआई की पूरी क्षमता का उपयोग जैसी प्रमुख पहलों पर जोर दिया। पाठ्यपुस्तकों के डिजिटलीकरण और 22 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री की उपलब्धता जैसे प्रयासों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “इन मिशन-मोड प्रयासों ने भारत की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की दुनिया की जरूरतों और मापदंडों के साथ पंक्तिबद्ध करने में सक्षम बनाया है।”  ि‍

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि 2014 से सरकार ने 3 करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया है, प्रधानमंत्री ने 1,000 आईटीआई में सुधार और 5 उत्कृष्टता केन्‍द्रों की स्थापना का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं को उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने वाले प्रशिक्षण से लैस करने के लक्ष्य पर जोर दिया। उन्होंने टिप्पणी की कि वैश्विक विशेषज्ञों की मदद से यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि भारतीय युवा विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। श्री मोदी ने इन पहलों में उद्योग और शिक्षा जगत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों से एक-दूसरे की जरूरतों को समझने और उन्‍हें पूरा करने, युवाओं को तेजी से बदलती दुनिया के अनुसार अवसर प्रदान करने, एक्सपोजर प्राप्त करने और व्यावहारिक अध्‍ययन के लिए प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करने का आग्रह किया। युवाओं को नए अवसर और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के लिए पीएम-इंटर्नशिप योजना के शुभारंभ पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने इस पहल में हर स्तर पर अधिकतम उद्योग की भागीदारी सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

चिकित्सा क्षेत्र का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस बजट में 10,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने का और अगले पांच वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्‍द्रों में टेलीमेडिसिन सुविधाओं के विस्तार पर प्रकाश डाला। उन्होंने डेकेयर कैंसर केन्‍द्रों की स्थापना और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया ताकि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा अंतिम छोर तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि इन पहलों का लोगों के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने हितधारकों से इन पहलों को लागू करने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह किया, ताकि बजट घोषणाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंच सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था में निवेश भविष्य की दृष्टि से निर्देशित रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 90 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके लिए योजनाबद्ध शहरीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने ₹1 लाख करोड़ के शहरी चुनौती कोष की स्थापना की पहल की घोषणा की, जिसमें शासन, बुनियादी ढांचे और वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केन्‍द्रित किया जाएगा, साथ ही निजी निवेश को भी बढ़ावा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “भारतीय शहरों को टिकाऊ शहरी गतिशीलता, डिजिटल एकीकरण और जलवायु लचीलापन योजनाओं के लिए पहचाना जाएगा।” उन्होंने निजी क्षेत्र, विशेष रूप से रियल एस्टेट और औद्योगिक क्षेत्रों से योजनाबद्ध शहरीकरण को प्राथमिकता देने और आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने अमृत 2.0 और जल जीवन मिशन जैसी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगी प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया।

अर्थव्यवस्था में निवेश के बारे में चर्चा करते हुए पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्यटन क्षेत्र में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 10 प्रतिशत तक का योगदान करने और करोड़ों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है। उन्होंने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई उपायों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “पर्यटन पर ध्यान केन्‍द्रित करते हुए देश भर में 50 गंतव्यों को विकसित किया जाएगा”, उन्होंने कहा कि इन गंतव्यों में होटलों को बुनियादी ढाँचे का दर्जा देने से पर्यटन में आसानी होगी और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। होमस्टे का समर्थन करने के लिए मुद्रा योजना के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हील इन इंडियाऔर लैंड ऑफ द बुद्धजैसी पहलों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत को वैश्विक पर्यटन और कल्याण केन्‍द्र के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं”।

इस बात पर जोर देते हुए कि पर्यटन होटल और परिवहन उद्योगों से परे अन्य क्षेत्रों में भी अवसर प्रदान करता है, प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों से स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने योग और स्वास्थ्य पर्यटन की क्षमता का पूरा उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया, शिक्षा पर्यटन में वृद्धि की महत्वपूर्ण संभावनाओं पर टिप्पणी की। उन्होंने इस दिशा में विस्तृत चर्चा की इच्छा व्यक्त की और इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत रोडमैप विकसित करने का आह्वान किया।

श्री मोदी ने कहा, “नवाचार में निवेश से राष्ट्र का भविष्य निर्धारित होता है”, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भारत की अर्थव्यवस्था में कई लाख करोड़ रुपये का योगदान करने की क्षमता है, इस दिशा में तेजी से प्रगति की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने एआई-संचालित शिक्षा और अनुसंधान के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये के आवंटन का उल्लेख किया। भारत में एआई क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय वृहद भाषा मॉडल स्थापित करने की योजनाओं का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से इस क्षेत्र में वैश्विक रेखा से आगे रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “दुनिया एक विश्वसनीय, सुरक्षित और लोकतांत्रिक राष्ट्र की प्रतीक्षा कर रही है जो किफायती एआई समाधान प्रदान कर सके”, उन्होंने जोर देकर कहा कि आज इस क्षेत्र में किए गए निवेश से भविष्य में महत्वपूर्ण लाभ होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है”, उन्होंने कहा कि इस बजट में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। उन्होंने शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड को मंजूरी दिए जाने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इससे डीप टेक फंड ऑफ फंड्सके माध्यम से उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। उन्होंने आईआईटी और आईआईएससी में 10,000 शोध फेलोशिप के प्रावधान का उल्लेख किया, जो शोध को बढ़ावा देगा और प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने नवाचार को गति देने में राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शोध और नवाचार में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी स्तरों पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल

भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को संरक्षित करने में ज्ञान भारतम मिशन के महत्व पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने घोषणा की कि इस मिशन के तहत एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिससे एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि यह रिपॉजिटरी दुनिया भर के विद्वानों और शोधकर्ताओं को भारत के ऐतिहासिक, पारंपरिक ज्ञान और बुद्धिमत्ता तक पहुँचने में सक्षम बनाएगी। प्रधानमंत्री ने भारत के पादप आनुवंशिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय जीन बैंक की स्थापना का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल का उद्देश्य भावी पीढ़ियों के लिए आनुवंशिक संसाधन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने ऐसे प्रयासों के विस्तार का आग्रह किया और विभिन्न संस्थानों और क्षेत्रों से इन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।

फरवरी 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ द्वारा की गई उल्लेखनीय टिप्पणियों का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि 2015 से 2025 के बीच, भारत की अर्थव्यवस्था ने 66 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिससे यह 3.8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह वृद्धि कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल गई है, और वह दिन दूर नहीं जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी रखने के लिए सही दिशा में सही निवेश करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस विजन को प्राप्त करने में बजट घोषणाओं को लागू करने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और सभी हितधारकों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने उल्लेख किया कि किसी भी संगठन में अब टीमों द्वारा अलग होकर काम करने की परम्‍परा आ गई है और अब सरकार ने योजनाओं और पहलों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हितधारकों के साथ बजट-पूर्व परामर्श के साथ-साथ बजट-पश्चात चर्चाएँ भी की हैं, जिसमें जन-भागीदारीमॉडल पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने यह आशा व्यक्त करते हुए समापन किया कि वेबिनार की उपयोगी चर्चाएँ 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएँगी।

पृष्ठभूमि

रोजगार सृजन सरकार के ध्‍यान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक रहा है। प्रधानमंत्री की कल्‍पना से प्रेरित होकर, सरकार ने नौकरी में वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। वेबिनार सरकार, उद्योग, शिक्षाविदों और नागरिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा और परिवर्तनकारी बजट घोषणाओं को प्रभावी परिणामों में बदलने में मदद करने के लिए चर्चाओं को प्रोत्साहित करेगा। नागरिकों को सशक्त बनाने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने पर प्रमुखता से ध्यान देने के साथ, विचार-विमर्श का उद्देश्य टिकाऊ और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करना; प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में नेतृत्व; और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में काम करने वाला कुशल, स्वस्थ कार्यबल है।

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