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PM addresses three post budget webinars on MSME sector via video conferencing

PM addresses three post budget webinars on MSME sector via video conferencing


नमस्कार!

कैबिनेट के मेरे सभी साथियों, फाइनेंस और इकोनॉमी के experts, स्टेक होल्डर्स, देवियों और सज्जनों!

मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्सपोर्ट पर ये बजट वेबिनार हर दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। आप जानते हैं, ये बजट हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था। इस बजट की सबसे खास बात रही, अपेक्षाओं से अधिक डिलीवरी। कई सेक्‍टर्स ऐसे हैं, जहां एक्सपर्ट्स ने भी जितनी अपेक्षाएं की थी, उससे बड़े कदम सरकार ने उठाए और आपने बजट में देखा है। मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्सपोर्ट को लेकर भी बजट में महत्‍वपूर्ण फैसले किए गए हैं।

साथियों,

आज देश एक दशक से भी ज्यादा समय से सरकार की नीतियों में इतनी consistency देख रहा है। बीते 10 वर्षों में भारत ने लगातार Reforms, Financial Discipline, Transparency और inclusive growth को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। Consistency और Reforms का assurance एक ऐसा बदलाव है, जिसकी वजह से हमारी इंडस्‍ट्री के भीतर नया आत्‍मविश्‍वास आया है। मैं मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्‍सपोर्ट से जुड़े प्रत्येक स्टेक होल्डर को ये विश्वास दिलाता हूं कि ये निरंतरता आने वाले वर्षों में ऐसी ही बनी रहेगी। आप मेरे पूरे विश्वास के साथ मैं आपसे आग्रह करता हूं, पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ निकल पड़िए, बड़े कदम उठाइए। देश के लिए मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्सपोर्ट, ये नए avenues हमने ओपन करने चाहिए। आज दुनिया का हर देश भारत के साथ अपनी economic partnership को मजबूत करना चाहता है। हमारे manufacturing sectors को इस partnership का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए।

साथियों,

किसी भी देश में विकास के लिए stable policy और बेहतर business environment बहुत जरूरी है। इसलिए कुछ वर्ष पहले हम जन विश्वास एक्ट लेकर आए, हमने compliances को कम करने का प्रयास किया, केंद्र और राज्य स्तर पर 40 हजार से ज्यादा compliances खत्म किए गए, इससे ease of doing business को बढ़ावा मिला। और हमारी सरकार ये मानती है कि ये exercise निरंतर चलती रहनी चाहिए। इसलिए, हम simplified income tax की व्यवस्था लेकर आए, हम जन विश्वास 2.0 बिल पर काम कर रहे हैं। Non-financial sector के regulations को रीव्यू करने के लिए एक कमेटी का गठन का भी निर्णय़ हुआ है। हमारा प्रयास है कि इन्हें modern, flexible, people-friendly और trust-based बनाया जा सके। इस एक्सरसाइज में इंडस्ट्री की बहुत बड़ी भूमिका है। आप अपने अनुभवों से उन समस्याओं की पहचान कर सकते हैं, जिनके समाधान में ज्यादा समय लगता है। आप processes को और ज्यादा सरल बनाने के सुझाव दे सकते हैं। आप गाइड कर सकते हैं कि कहां पर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके हम जल्दी और बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं।

साथियों,

आज, दुनिया राजनीतिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। पूरी दुनिया भारत को एक ग्रोथ सेंटर के तौर पर देख रही है। COVID संकट के दौरान, जब ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी आई, तब भारत ने global growth को रफ्तार दी। ये ऐसे ही नहीं हो गया। हमने आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया और reforms की अपनी गति को और तेज किया। हमारे प्रयासों से इकोनॉमी पर COVID का प्रभाव कम हुआ, इससे भारत को तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिली। आज भी, भारत global इकोनॉमी के लिए एक growth इंजन बना हुआ है। यानी, भारत मुश्किल से मुश्किल हालातों में अपने resilience को साबित कर चुका है।

पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि जब सप्लाई चेन डिस्टर्ब होती है, तो उसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। दुनिया को आज ऐसे भरोसेमंद पार्टनर की जरूरत है, जहां से high quality products निकले और सप्लाई reliable हो। हमारा देश ये करने में सक्षम है। आप सब सामर्थ्यवान हैं। ये हमारे लिए बहुत बड़ा मौका है, बहुत बड़ी अपॉरचुनिटी है। मैं चाहता हूँ, विश्व की इन अपेक्षाओं को हमारी इंडस्ट्री एक स्पेक्टेटर की तरह न देखे, हम दर्शक बन करके नहीं रह सकते हैं। आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, अपने लिए अवसरों को आगे बढ़कर तराशना होगा। पुराने समय की तुलना में आज ये कहीं आसान है। आज इन अवसरों के लिए देश के पास friendly नीतियाँ हैं। आज सरकार इंडस्ट्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। एक मजबूत संकल्प, objectivity के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन में अवसर की तलाश, Challenge को accept करना, इस तरह, हर इंडस्ट्री एक-एक कदम आगे बढ़े, तो हम कई मील आगे निकल सकते हैं।

साथियों,

आज 14 सेक्टर्स को हमारी PLI स्कीम का फायदा मिल रहा है। इस योजना के तहत साढ़े 700 से ज्यादा यूनिट्स को मंजूरी दी गई है। इससे डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का Investment आया है, 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का Production हुआ है और 5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का Export हुआ है। ये दिखाता है कि अगर हमारे entrepreneurs, अगर उनको अवसर मिले, तो वो हर नए क्षेत्रों में भी आगे बढ़ सकते हैं। मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने 2 मिशन शुरू करने का फैसला किया है। हम बेहतर टेक्नोलॉजी और quality products पर फोकस कर रहे हैं। और लागत कम करने के लिए skilling पर जोर दे रहे हैं। मैं चाहूंगा कि यहां मौजूद सभी स्टेकहोल्डर्स ऐसे नए प्रोडक्ट्स की पहचान करें, जिनकी वर्ल्ड में डिमांड है, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग हम कर सकते हैं। फिर हम उन देशों तक एक स्ट्रेटेजी के साथ जाएं, जहां एक्सपोर्ट की संभावनाएं हैं।

साथियों,

भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा में R&D का अहम योगदान है, इसे और आगे बढ़ाने और गति देने की आवश्यकता है। R&D के द्वारा हम innovative products पर फोकस कर सकते हैं, साथ ही प्रॉडक्ट्स में वैल्यू एडिशन कर सकते हैं। हमारी टॉय, फुटवियर और लेदर इंडस्ट्री के सामर्थ्य को दुनिया जानती है। हम अपने traditional craft के साथ modern technologies को जोड़कर बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं। इन सेक्टर्स में हम ग्लोबल चैंपियन बन सकते हैं और हमारा एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ सकता है। इससे इन labour-intensive sectors में रोजगार के लाखों अवसर तैयार होंगे, और entrepreneurship को बढ़ावा मिलेगा। पीएम विश्वकर्मा योजना के द्वारा पारंपरिक हस्तशिल्पियों को end to end support मिल रहा है। हमें ऐसे कारीगरों को नए अवसरों से जोड़ने के प्रयास करने होंगे। इन सेक्टर्स में अनेक संभावनाएं छिपी हुई हैं, उसे विस्तार देने के लिए आप सभी को आगे आना ही चाहिए।

साथियों,

भारत के manufacturing की, हमारी industrial growth की backbone हमारा MSME सेक्टर है। 2020 में हमने MSMEs की definition को revise करने का बड़ा फैसला लिया था। ऐसा 14 साल बाद किया गया। हमारे इस फैसले से MSMEs का ये डर खत्म हुआ कि अगर वो आगे बढ़ेंगे तो सरकार से मिलने वाले लाभ बंद हो जाएंगे। आज, देश में MSMEs की संख्या बढ़कर 6 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। इस बजट में हमने MSMEs की definition को फिर विस्तार दिया है, ताकि हमारे MSMEs को निरंतर आगे बढ़ते रहने का confidence मिले। इससे युवाओं के लिए और ज्यादा रोजगार के अवसर तैयार होंगे। हमारे MSMEs के सामने सबसे बड़ी समस्या ये थी कि उन्हें लोन आसानी से नहीं मिलता था। 10 वर्ष पहले MSMEs को लगभग 12 लाख करोड़ रुपए का लोन मिला था, जो ढाई गुना बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। इस बजट में, MSMEs के लोन के लिए गारंटी कवर को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये तक किया गया है। Working capital की जरूरतों के लिए, 5 लाख रुपये की सीमा वाले customised क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।

साथियों,

हमने लोन पाने की सुविधा दी, साथ ही एक नए तरह के लोन की व्यवस्था तैयार की। लोगों को बिना गारंटी लोन मिलने लगा, जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। पिछले 10 वर्षों में मुद्रा जैसी बिना गारंटी लोन देने वाली योजनाओं से भी लघु उद्योगों को मदद मिली है। ट्रेड्स portal के द्वारा लोन से जुड़ी कई समस्याओं का भी समाधान हो रहा है।

साथियों,

अब हमें credit delivery के लिए नए मोड विकसित करने होंगे। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर MSME की पहुंच low cost और timely credit तक हो सके। महिला, SC और ST समुदाय के 5 लाख first-time entrepreneurs को 2 करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा। First-time entrepreneurs को सिर्फ क्रेडिट सपोर्ट ही नहीं चाहिए, बल्कि उसे guidance की भी जरूरत होती है। मैं समझता हूं, इंडस्ट्री को ऐसे लोगों की मदद करने के लिए एक mentorship program बनाना चाहिए।

साथियों,

निवेश को बढ़ाने के लिए राज्यों की भूमिका बहुत अहम है। इस वेबिनार में राज्य सरकारों के अधिकारी भी मौजूद हैं। राज्य इज ऑफ डूइंग बिजनेस को जितना बढ़ावा देंगे, उतनी ज्यादा संख्या में निवेशक उनके पास आएंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा आपके ही राज्य को होगा। राज्यों के बीच ये कंपटीशन होना चाहिए कि कौन इस बजट का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा पाता है। जो राज्य progressive policies के साथ आगे आएंगे, कंपनियां उनके यहां निवेश करने पहुंचेंगी।

साथियों,

मुझे विश्वास है कि आप सभी इन विषयों पर गंभीरता से विचार कर रहे होंगे। इस वेबिनार से हमें actionable solutions तय करने हैं। पॉलिसी, स्कीम और गाइडलाइन तैयार करने में आपका सहयोग महत्वपूर्ण है। इससे बजट के बाद implementation strategies बनाने में मदद मिलेगी। मुझे विश्वास है कि आपका योगदान बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। आज दिन भर की चर्चा से जिस मंथन से अमृत निकलेगा, वो जिन सपनों को लेकर के हम जा रहे हैं, उन सपनों को पूरा करने का सामर्थ्य देगा। इसी अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।