प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति श्री संजीव खन्ना, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति श्री बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत, विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के अटॉर्नी जनरल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिनिधियों और नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का 75 वर्ष पूरा होना अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने इस अवसर पर संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी और संविधान की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम संविधान दिवस मना रहे हैं, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज मुंबई आतंकी हमलों की भी बरसी है। उन्होंने आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने दोहराया कि भारत हर उस आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब देगा, जो देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा है।
भारतीय संविधान के संदर्भ में संविधान सभा की विस्तृत बहस और चर्चाओं को याद करते हुए, श्री मोदी ने बाबासाहेब अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा: “संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह एक भावना है, यह हमेशा युग की भावना है”। इस भावना को अनिवार्य बताते हुए, श्री मोदी ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमें देश, काल और परिस्थिति के अनुसार उचित निर्णय लेकर समय-समय पर संविधान की व्याख्या करने की स्वतंत्रता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता अच्छी तरह जानते थे कि भारत के सपने और आकांक्षाएं समय के साथ नई ऊंचाइयों को छुएंगी और स्वतंत्र भारत के लोगों की जरूरतें तथा चुनौतियां दोनों बदलेंगी। इसलिए, संविधान निर्माताओं ने संविधान को केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा के रूप में निर्मित किया।
श्री मोदी ने कहा, “हमारा संविधान हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है।” उन्होंने आगे कहा कि संविधान ने पिछले 75 वर्षों में सामने आई विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सही रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि संविधान ने भारतीय लोकतंत्र के सामने आए आपातकाल के खतरनाक समय का भी सामना किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान ने देश की हर जरूरत और उम्मीद को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा दी गई शक्ति के कारण ही डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान आज जम्मू-कश्मीर में भी लागू है। उन्होंने आगे कहा कि आज पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया गया।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान हमें मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में सही रास्ता दिखा रहा है। इस बात पर जोर देते हुए कि अब भारत के भविष्य का मार्ग बड़े सपनों और बड़े संकल्पों को हासिल करने से जुड़ा है, श्री मोदी ने उल्लेख किया कि आज प्रत्येक नागरिक का लक्ष्य विकसित भारत का निर्माण करना है। उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत का मतलब है एक ऐसा स्थान, जहाँ प्रत्येक नागरिक को जीवन की गुणवत्ता और सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का एक बड़ा माध्यम है और यही संविधान की भावना भी है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे पिछले दशक में लोगों के 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोलना, जिनकी बैंकों तक पहुँच नहीं थी। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में चार करोड़ लोगों को पक्के घर सुनिश्चित किए गए, 10 करोड़ घरेलू महिलाओं को गैस सिलेंडर कनेक्शन दिए गए। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत में केवल 3 करोड़ घर ऐसे थे, जिनमें घरेलू नल की सुविधा थी। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों में 12 करोड़ से अधिक घरेलू नल जल कनेक्शन दिए हैं, जिससे नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं का जीवन आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे संविधान की भावना मजबूत हुई है।
श्री मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान की मूल प्रति में भगवान राम, देवी सीता, भगवान हनुमान, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और गुरु गोविंद सिंह की तस्वीरें थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के इन प्रतीकों को संविधान में जगह दी गई, ताकि सुनिश्चित हो सके कि यह हमें मानवीय मूल्यों के प्रति निरंतर जागरूक और सचेत रखे। प्रधानमंत्री ने कहा, “मानवीय मूल्य आज की भारतीय नीतियों और निर्णयों का आधार हैं।” उन्होंने कहा कि नागरिकों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए भारतीय न्याय संहिता लागू की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल गई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर लोगों की पहचान और अधिकार सुनिश्चित करने तथा दिव्यांग लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि आज भारत नागरिकों के जीवन को आसान बनाने पर बहुत जोर दे रहा है, श्री मोदी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर पर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र दिए गए, जिसका लाभ अब तक लगभग 1.5 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने उठाया है। उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जिसने हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया है और भारत ही ऐसा देश है, जिसने 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों जन औषधि केंद्रों पर दवाइयां 80% तक की छूट पर बेची जा रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से आज बच्चों के बीच टीकाकरण कवरेज 100% के करीब पहुंच गया है, जबकि पहले यह 60% से भी कम था। उन्होंने कहा कि आज दूरदराज के गांवों में भी बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की बहुत सी परेशानियां कम हुई हैं।
सरकार के आकांक्षी जिला कार्यक्रम का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 100 से अधिक सबसे पिछड़े जिलों को चुना गया है और हर विकास मानक के लिए गति बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि आज कई आकांक्षी जिलों ने कई अन्य जिलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने अब आकांक्षी जिला कार्यक्रम के मॉडल पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार नागरिकों के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली योजना के तहत 2.5 करोड़ से अधिक घरों में बिजली पहुंचाई गई, जिनके पास कुछ साल पहले तक बिजली कनेक्शन नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि 4जी और 5जी तकनीक के माध्यम से लोगों को मोबाइल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए दूरदराज के इलाकों में मोबाइल टावर लगाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पानी के अन्दर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन के माध्यम से अब अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपों में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने घरों और कृषि भूमि के भूमि रिकॉर्ड सुनिश्चित करने में विकसित देशों से बढ़त हासिल की है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत गांव की जमीन और घरों की ड्रोन मैपिंग की गई और इसके आधार पर कानूनी दस्तावेज जारी किए गए।
श्री मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए आधुनिक अवसंरचना का तेजी से विकास एक बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अवसंरचना परियोजनाओं को समय पर पूरा करने से पैसे की बचत होती है और साथ ही परियोजना की उपयोगिता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रगति मंच का उपयोग करके अवसंरचना परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाती है और 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई तथा उनके सामने आने वाली बाधाओं को दूर किया गया। श्री मोदी ने कहा कि अवसंरचना परियोजनाओं के समय पर पूरा होने से लोगों के जीवन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास देश की प्रगति सुनिश्चित करने के साथ-साथ संविधान की मूल भावना को भी मजबूत कर रहे हैं।
संबोधन का समापन करते हुए, श्री मोदी ने 26 नवंबर 1949 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भाषण की पंक्तियों को उद्धृत किया और कहा, “आज भारत को जरूरत है, केवल ईमानदार लोगों के एक समूह की, जो राष्ट्र के हितों को अपने हितों से आगे रखें।“ उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम की यह भावना आने वाली सदियों तक भारत के संविधान को जीवित रखेगी।
पृष्ठभूमि
भारतीय संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में आयोजित संविधान दिवस समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया गया था। इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश उपस्थित थे।
Addressing a programme marking #75YearsOfConstitution at Supreme Court. https://t.co/l8orUdZV7Q
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024
संविधान – एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा। pic.twitter.com/zyaOfOMRXE
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। pic.twitter.com/mN8jjDBHWp
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। pic.twitter.com/TUby4sPpd9
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। pic.twitter.com/pJgtYj3XyI
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
***
एमजी/केसी/जेके
Addressing a programme marking #75YearsOfConstitution at Supreme Court. https://t.co/l8orUdZV7Q
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024
संविधान - एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा। pic.twitter.com/zyaOfOMRXE
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। pic.twitter.com/mN8jjDBHWp
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। pic.twitter.com/TUby4sPpd9
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। pic.twitter.com/pJgtYj3XyI
— PMO India (@PMOIndia) November 26, 2024
यह बाबासाहेब के संविधान से मिली शक्ति है, जिसकी वजह से आज जम्मू-कश्मीर में भी हमारा संविधान पूरी तरह लागू हुआ है। #75YearsOfConstitution pic.twitter.com/CzjTzf80yg
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024
बीते 10 वर्षों में आर्थिक और सामाजिक समानता के लिए हुए इन प्रयासों से संविधान की भावना और सशक्त हुई है…#75YearsOfConstitution pic.twitter.com/JOtdlZav16
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024
देशवासियों का जीवन आसान बनाने और विकसित भारत के संकल्प में नई ऊर्जा भरने के लिए हमने जो कदम उठाए हैं, उनके परिणाम बेहद उत्साहित करने वाले हैं।#75YearsOfConstitution pic.twitter.com/5OlXv3hyMn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2024