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Text of PM’s statement in the Lok Sabha, on Sadhvi Niranjan Jyoti issue


संसद में मसला उठने से पहले, जब मेरी पार्टी के MPs की मीटिंग हुई थी, उसमें मैंने बड़ी कठोरता के साथ, ऐसे शब्दों का प्रयोग, ऐसी भाषा का प्रयोग न करने पर, हिदायत भी दी थी, अपनी नाराजगी भी प्रकट की थी। और कोई भी ऐसी चीज़ों को approve नहीं कर सकता है। बाद में, मंत्रीश्री ने माफ़ी मांगी है, मंत्रीश्री नए भी हैं, उनके सामजिक background को भी हम जानते हैं – गाँव से हैं – और उन्होंने क्षमा मांगी है और इस सदन में वरिष्ठ जनों का यह कर्त्तव्य रहता है कि इतने बड़े सदन के सामने हमारा एक साथी जब क्षमा मांगता है, तो हमें भी उदारता बतानी चाहिए। मैं लोक सभा के सभी सदस्यों का आभारी हूँ कि उन्होंने सदन को चलने दिया है। और मैं इस बात पर पूरे सदन को भी – और हम सबका सार्वजनिक जीवन में जो रोल है – यह दायित्व मानता हूँ कि मर्यादायों को हम सबको स्वीकार करना चाहिए, और उन मर्यादायों में रह कर ही अपनी बातें – चाहे अन्दर हों चाहे बाहर हो – हमें बोलनी चाहिए. और उसमें कोई विवाद नहीं हो सकता है। मैं मानता हूँ कि जब मंत्रीश्री ने क्षमा मांगी है और एक नए मंत्री ने, तो सभी वरिष्ठ नेताओं ने भी, अपने-अपने दल के लोग जो वहां बैठे हैं उनको भी, अनुरोध करना चाहिए और इस विषय को समाप्त करके देश हित में अपने काम को आगे बढ़ाना चाहिए।