प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लुआंग प्राबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा प्रस्तुत लाओ रामायण जिसे फलक फलम या फ्रा लक फ्रा राम कहा जाता है की एक श्रृंखला (एपिसोड) देखी। लाओस में आज भी रामायण के प्रति लोगों में काफी उत्साह है। यह महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुरानी सभ्यता के संबंध को दर्शाता है। भारतीय संस्कृति और परंपरा के कई पहलुओं को सदियों से लाओस में अनुप्रयोग और संरक्षित किया गया है। दोनों देश अपनी साझा विरासत को संवारने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में वाट फू मंदिर और संबंधित स्मारकों के जीर्णोद्धार में शामिल है। इस अवसर पर गृह मंत्री, शिक्षा और खेल मंत्री, बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के माननीय गवर्नर और वियनतियाने के मेयर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
रामायण देखने से पहले प्रधानमंत्री ने लाओ पीडीआर के सेंट्रल बुद्धिस्ट्स द फैलोशिप ऑफ ऑर्गनाइजेशन के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा एक आशीर्वाद समारोह में भाग लिया। इस समारोह का नेतृत्व वियनतियाने में सी साकेत मंदिर के श्रद्धेय मठाधीश परम आदरणीय महावेथ मसेनई ने किया। भारत और लाओस के बीच साझा बौद्ध विरासत घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों के एक और पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।
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एमजी/आरपीएम/केसी/एचएन/ओपी
Vijaya Dashami is a few days away and today in Lao PDR, I saw a part of the Lao Ramayana, highlighting the victory of Prabhu Shri Ram over Ravan. It is heartening to see the people here remain in touch with the Ramayan. May the blessings of Prabhu Shri Ram always remain upon us! pic.twitter.com/BskmfMYBdm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
PM @narendramodi witnessed a captivating performance of the Lao Ramayana, known as Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram. This unique rendition of the Ramayan reflects the deep cultural ties and shared heritage between India and Lao PDR. pic.twitter.com/kYZ5wvuys7
— PMO India (@PMOIndia) October 10, 2024