प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज तमिलनाडु के चेन्नई में आयोजित उद्घाटन समारोह में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 का शुभारंभ किया। श्री मोदी ने प्रसारण क्षेत्र से जुड़ी लगभग 250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया। उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी अवलोकन किया। उन्होंने दो खिलाड़ियों द्वारा सौंपी गई खेलों की मशाल कॉल्ड्रन पर स्थापित कर खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 13वें खेलो इंडिया गेम्स में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह 2024 को आरंभ करने का शानदार तरीका है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर एकत्र लोग युवा भारत, एक नए भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसकी ऊर्जा देश को खेल की दुनिया में नई ऊंचाइयों पर जा रही है। उन्होंने देशभर से चेन्नई पहुंचे सभी खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आप सभी एक साथ मिलकर, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सच्ची भावना प्रदर्शन करते हैं।” उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मैत्रीपूर्ण लोग, सुंदर तमिल भाषा, इसकी संस्कृति और व्यंजन खिलाड़ियों को घर जैसा महसूस कराएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि तमिलनाडु का आतिथ्य सभी का दिल जीत लेगा और खेलो इंडिया यूथ गेम्स कौशल दिखाने का अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, “यहां कायम हुई नई दोस्ती भी आजीवन बरकरार रहेगी।”
दूरदर्शन और आकाशवाणी की उन परियोजनाओं, जिनका आज उद्घाटन किया गया और जिनकी आधारशिला रखी गई, का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1975 में प्रसारण शुरू करने वाला चेन्नई केंद्र आज एक नई यात्रा का आरंभ कर रहा है। 8 राज्यों में 12 आकाशवाणी एफएम परियोजनाएं 1.5 करोड़ लोगों को कवर करेंगी।
भारत में खेलों के क्षेत्र में तमिलनाडु के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चैंपियनों को पैदा करने वाली धरती है। टेनिस चैंपियन अमृतराज बंधुओं, ओलंपिक में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने वाले भारत के हॉकी के कप्तान भास्करन, शतरंज के खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद, प्रगनानंद और पैरालंपिक चैंपियन मरियप्पन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी खिलाड़ी तमिलनाडु की धरती से प्रेरणा लेंगे।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के लिए प्रदर्शन के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके लिए देश में बड़े खेल आयोजनों की उपयोगिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया अभियान जमीनी स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तलाशने में भूमिका निभा रहा है, जो इन विशाल आयोजनों में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 12 खेलो इंडिया गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स को खेलने और प्रतिभाओं को तलाशने के बेहतरीन अवसर बताया। उन्होंने कहा कि अब, तमिलनाडु के चार भव्य शहर- चेन्नई, त्रिची, मदुरै और कोयंबटूर खिलाड़ियों की मेजबानी के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे कोई प्रतिभागी हो या दर्शक, चेन्नई के आकर्षक समुद्र तट प्रत्येक को आकर्षित करेंगे।” उन्होंने मदुरै के भव्य मंदिरों, त्रिची के मंदिरों और उनकी कला एवं शिल्प तथा कोयंबटूर के मेहनती शहर की आभा का भी उल्लेख किया और कहा कि तमिलनाडु के प्रत्येक शहर का अनुभव अविस्मरणीय है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भारत के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया गेम्स में पहली बार शामिल किए गए तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और स्क्वैश और तमिलनाडु में आरंभ हुए एक प्रकार के मार्शल आर्ट सिलंबम सहित अन्य खेलों का उल्लेख करते हुए कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान 5,000 से अधिक खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल उपयोगी अनुभव होगा”। प्रधानमंत्री ने कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स सभी खिलाड़ियों के संकल्प, प्रतिबद्धता और विश्वास को एक साथ लाएंगे तथा राष्ट्र उनके समर्पण, आत्मविश्वास, कभी न हार मानने वाले जज्बे और असाधारण प्रदर्शन के जुनून का साक्षी बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने संत तिरुवल्लुवर को याद करते हुए कहा कि संत तिरुवल्लुवर ने अपने लेखन से युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें दिशा प्रदान की। इस महान संत का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने विपरीत परिस्थितियों में भी मजबूत बने रहने की उनकी शिक्षा का उल्लेख किया। खेलो इंडिया के लोगो में उनकी आकृति भी है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वीरमंगई वेलु नचियार खेलों के इस संस्करण की शुभंकर हैं। उन्होंने कहा, “वास्तविक जीवन के किसी व्यक्तित्व का शुभंकर के रूप में चुना जाना अभूतपूर्व है। वीरा मंगई वेलु नचियार नारी शक्ति की प्रतीक हैं। आज उनका व्यक्तित्व सरकार के अनेक निर्णयों में प्रतिबिम्बित होता है। उनकी प्रेरणा से सरकार खिलाड़ियों को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने 20 खेलों पर महिला लीगों और ‘दस का दम’ जैसी पहलों को महिला खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अवसर के रूप में सूचीबद्ध किया।
खेलों के क्षेत्र में 2014 के बाद भारत की हाल की सफलताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, एशियाई खेलों और पैरा खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन और विश्वविद्यालय खेलों में पदकों के नए रिकॉर्ड का उल्लेख किया। इस बात को इंगित करते हुए कि यह सफलता रातोंरात नहीं मिली है और जज्बा खिलाड़ियों में पहले भी हुआ करता था, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार के उत्साह और सहायता से उन्हें प्रोत्साहन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने सुधार किया, खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया और भारत में खेल की पूरी व्यवस्था ही बदल गई ।” उन्होंने खेलो इंडिया अभियान का उल्लेख किया जो देश में हजारों खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करता है और 2014 में शुरू की गई लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) पहल ने शीर्ष खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का अनुभव और बड़े खेल आयोजनों में भागीदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा, “भारत की निगाहें इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक और 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक पर टिकी हैं, टॉप्स पहल के तहत खिलाड़ियों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, हम खेलों में युवाओं के आने का इंतज़ार नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम खेलों को युवाओं तक ले जा रहे हैं।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि खेलो इंडिया जैसे अभियान ग्रामीण, गरीब, जनजातीय और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के युवाओं के सपनों को साकार कर रहे हैं। वोकल फ़ॉर लोकल मंत्र के तहत स्थानीय प्रतिभा को प्रदर्शित करने को शामिल करते हुए प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रतिभा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने का अनुभव दिलाने के अपने प्रयासों को दोहराया। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित किए गए हैं। दीव में हाल ही में आयोजित बीच गेम्स का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इन खेलों में 8 पारंपरिक भारतीय खेलों को शामिल किया गया, इनमें 1600 खिलाड़ियों ने भाग लिया, इससे तटीय शहरों को बहुत फायदा होगा क्योंकि इन खेलों ने बीच गेम्स और खेल पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री ने भारत के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने का अनुभव कराने और देश को वैश्विक खेल इकोसिस्टम का महत्वपूर्ण केंद्र बनाने के सरकार के संकल्प को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसलिए, हम भारत में 2029 में यूथ ओलंपिक और 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए लगन से काम कर रहे हैं।” इस बात पर जोर देते हुए कि खेल सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक बड़ी अर्थव्यवस्था है जो युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर पैदा करती है, प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की अपनी गारंटी दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले 10 वर्षों से खेल अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी बढ़ाने और खेल से संबंधित क्षेत्रों को विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने खेल पेशेवरों को प्रोत्साहन देने के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने और देश में खेल उपकरण विनिर्माण और सेवा इकोसिस्टम के निर्माण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में खेल विज्ञान, नवाचार, विनिर्माण, खेलों की कोचिंग, खेल मनोविज्ञान और खेल पोषण से जुड़े पेशेवरों को एक मंच प्रदान कर रही है। उन्होंने बीते वर्षों में भारत के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के निर्माण, खेलो इंडिया अभियान के तहत देश में 300 से अधिक प्रतिष्ठित अकादमियों के निर्माण, 1,000 खेलो इंडिया केंद्रों और 30 से अधिक उत्कृष्टता केंद्रों के निर्माण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है जिससे बचपन में ही खेलों को करियर के रूप में चुनने के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी।
भारत के खेल उद्योग की एक लाख करोड़ रुपये की अपेक्षित वृद्धि के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने खेल के बारे में नई जागरूकता और उसके परिणामस्वरूप प्रसारण, खेल संबंधी वस्तुओं, खेल पर्यटन और खेल परिधानों के व्यवसाय में वृद्धि का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश के विभिन्न हिस्सों में खेल उपकरणों के लिए विनिर्माण क्लस्टर बनाए जाएं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि खेलो इंडिया के तहत निर्मित किया गया खेल संबंधी बुनियादी ढांचा रोजगार का बड़ा स्रोत बन रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न खेल लीग भी नई नौकरियों का सृजन कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ““आज स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले हमारे युवा जो खेल सेजुड़े क्षेत्रों में अपना करियर बनाने के इच्छुक हैं,उनका बेहतर भविष्य भी मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “ आज सिर्फ खेल में ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में भारत का डंका बज रहा है” और नए भारत ने पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करना और नए रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने भारत के युवा के सामर्थ्य, उसके विश्वास, दृढ़ संकल्प, मानसिक शक्ति और जीतने की इच्छा पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज का भारत बड़े लक्ष्य निर्धारित कर सकता है और उन्हें हासिल भी कर सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह वर्ष देश और दुनिया के लिए नए कीर्तिमान बनाने और नई उपलब्धियां हासिल करने का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा, “आपको आगे बढ़ना होगा, क्योंकि आपके साथ भारत भी आगे बढ़ेगा। एकजुट हो जाओ, जीतो और देश को जिताओ। मैं खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।”
इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री, डॉ एल मुरुगन और केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्री निशिथ प्रामाणिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
जमीनी स्तर पर खेलों के विकास को बढ़ावा देने और उभरती खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की प्रधानमंत्री की अटूट प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे। ऐसा पहली बार है जब खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन दक्षिण भारत में किया जा रहा है। ये खेल स्पर्धाएं 19 से 31 जनवरी, 2024 तक तमिलनाडु के चार शहरों चेन्नई, मदुरै, त्रिची और कोयंबटूर में होंगी।
इन खेलों की शुभंकर वीरा मंगई है। रानी वेलु नचियार, जिन्हें प्यार से वीरा मंगई कहकर पुकारा जाता है, वह एक भारतीय रानी थीं जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। यह शुभंकर भारतीय महिलाओं की वीरता और जज़्बे का प्रतीक है, जो नारी शक्ति की ताकत दिखलाता है। इन खेलों के लोगो में कवि तिरुवल्लुवर की आकृति भी शामिल है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इस संस्करण में 5600 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे, जो 15 स्थानों पर 13 दिनों तक चलेगा, जिसमें 26 खेल विधाएं, 275 से अधिक प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम और 1 डेमो खेल शामिल होंगे। 26 खेल विधाएं फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि जैसे परम्परागत खेलों और कलारीपयट्टू, गतका, थांग ता, कबड्डी और योगासन जैसे पारंपरिक खेलों का एक विविध मिश्रण है। तमिलनाडु के पारंपरिक खेल सिलंबम को खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इतिहास में पहली बार डेमो खेल के रूप में पेश किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रसारण क्षेत्र से जुड़ी करीब 250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया। इनमें डीडी तमिल के रूप में संशोधित डीडी पोधिगई चैनल का लॉन्च; 8 राज्यों में 12 आकाशवाणी एफएम परियोजनाएं; और जम्मू और कश्मीर में 4 डीडी ट्रांसमीटर शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री 12 राज्यों में 26 नवीन एफएम ट्रांसमीटर परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
It is a matter of great joy that Khelo India Youth Games are being held in the beautiful city of Chennai. These games will help nurture young sporting talent. https://t.co/jVdVNxrY44
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