प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 और 7 जनवरी 2024 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में आयोजित पुलिस महानिदेशकों/पुलिस महानिरीक्षकों के 58वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नए आपराधिक कानूनों की शुरूआत पर चर्चा करते हुए कहा कि ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली में एक आदर्श बदलाव लाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि नए आपराधिक कानून ‘नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले‘ के सिद्धांत पर बनाए गए हैं और पुलिस को अब ‘डंडे‘ के साथ काम करने के बजाय ‘डेटा‘ के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस प्रमुखों से नए लागू कानूनों के पीछे की भावना को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के लिए रचनात्मक ढंग से सोचने की अपील की। प्रधानमंत्री ने नए आपराधिक कानून के तहत महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकार और सुरक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने पुलिस से महिला सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं निडर होकर ‘कभी भी और कहीं भी‘ काम कर सकें।
प्रधानमंत्री ने नागरिकों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने नागरिकों के लाभ के लिए सकारात्मक जानकारी और संदेश प्रसारित करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मीडिया का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने नागरिक-पुलिस संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न खेल आयोजनों का भी सुझाव दिया। चूंकि सीमावर्ती गांव भारत के ‘पहले गांव‘ हैं, इसलिए उन्होंने सरकारी अधिकारियों से स्थानीय लोगों के साथ बेहतर ‘संपर्क‘ स्थापित करने के लिए इन गांवों में रहने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 की सफलता और भारतीय नौसेना द्वारा अरब सागर में अपहृत जहाज से चालक दल के 21 सदस्यों को तेजी से बचाने से पता चला कि भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने भारतीय नौसेना के इस सफल और शानदार ऑपरेशन पर गर्व भी जताया। उन्होंने आगे कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए, वैश्विक आधुनिक परिवर्तनों को अपनाते हुए और देश की बढ़ती राष्ट्रीय ताकत के अनुरूप, भारतीय पुलिस को खुद को एक आधुनिक और वैश्विक पुलिस बल के रूप में आकार देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक प्रदान किए और जयपुर में आयोजित तीन दिवसीय पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन का समापन किया।
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक-राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस निरीक्षक और केंद्रीय पुलिस बलों/केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित अन्य लोगों ने भी भाग लिया। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के विभिन्न स्थानों से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण कारकों पर चर्चा की गई। इनमें नव अधिनियमित प्रमुख आपराधिक कानून, आतंकवाद विरोधी नीतियां, वामपंथी कट्टरपंथ, उभरते साइबर खतरे, दुनिया भर में कट्टरवाद विरोधी उपाय आदि शामिल हैं।
*****
एमजी/एआर/आरपी/डीवी
Over the last two days, took part in the DGP/IGP conference. We had extensive deliberations on ways to make policing more modern and data oriented. We also discussed ways on furthering public safety and increasing connect with the people, especially in remote areas.… pic.twitter.com/kwj3WAaMCK
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2024