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वाराणसी जिले का जयापुर गांव: सांसद आदर्श ग्राम के लिए प्रधानमंत्री की पसंद


 प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं जयापुर से यह विनती करने आया हूं- मुझे अंगीकार करो। मुझे सिखाओ, गांवों की समस्‍याएं किस तरह से दूर की जाती हैं।’

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वाराणसी जिले के जयापुर गांव का दौरा किया। उन्‍होंने घोषणा की कि वाराणसी से लोकसभा सांसद होने के नाते उन्‍होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव के तौर पर जयापुर का चयन किया है।

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प्रधानमंत्री अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं।

जयापुर के चयन पर लगाई जा रही तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए प्रधानमंत्री ने यह जानकारी दी कि वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मनोनीत किए जाने के तुरंत बाद उन्‍हें इस गांव में आग लगने की त्रासदीपूर्ण घटना के बारे में जानकारी मिली थी। तब उन्‍होंने अधिकारियों और लोगों से बातचीत कर इस गांव में जारी राहत कार्यों में तालमेल बैठाने के लिए उनसे कहा था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संकट के समय होने वाले जुड़ाव कालातीत होते हैं। जयापुर का चयन किए जाने के पीछे यही एकमात्र कारण है।’

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांवों को अपने संरक्षण में सांसद नहीं ले रहे हैं, बल्‍कि ग्रामीण ही इस योजना के जरिए सांसदों को अपने दायरे में समेट रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि एक अच्‍छे जन प्रतिनिधि को ग्रामीणों, उनके विशाल अनुभवों और समस्‍याएं सुलझाने पर उनकी अंतर्दृष्‍टि से बहुत कुछ सीखना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना का मतलब गांव में अतिरिक्‍त धनराशि सुलभ कराना नहीं है, बल्‍कि यह सुनिश्‍चित करना है कि योजनाएं सही ढंग से क्रियान्‍वित की जाएं और समूचा गांव समस्‍याएं सुलझाने और विकास की गति बढ़ाने में भागीदारी करे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं जयापुर से यह विनती करने आया हूं- मुझे अंगीकार करो। मुझे सिखाओ, गांवों की समस्‍याएं किस तरह से दूर की जाती हैं।’ उन्‍होंने कहा कि वह उन कमियों को दूर करना चाहते हैं जिनके चलते पिछले 60 वर्षों के दौरान गांव तरक्‍की करने से वंचित रह गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर किसी गांव को एक ‘आदर्श ग्राम’ के तौर पर विकसित किया जाता है, तो वह कई अन्‍य गांवों पर भी अपना प्रभाव डालेगा। इसके साथ ही अधिकारियों को भी यह पता चल सकेगा कि योजनाओं को किस तरह सबसे अच्‍छे ढंग से क्रियान्‍वित किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने सामाजिक जागरूकता पैदा करने और लोगों की सामूहिक इच्‍छा शक्‍ति के जरिए उल्‍लेखनीय उपलब्‍धियां हासिल करने पर विशेष जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हर गांव को अपना जन्‍मदिन मनाना चाहिए। यह जातिवाद को खत्‍म करने का सर्वोत्‍तम तरीका है।’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर उपस्‍थित विशाल एवं जोशीले जन समूह से ये सवाल किये- क्‍या हम यह निर्णय ले सकते हैं कि हम जयापुर को गंदा नहीं होने देंगे? क्‍या हम यह सुनिश्‍चित कर सकते हैं कि भोजन करने से पहले बच्‍चे अपने हाथ अवश्‍य धोएंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्यों के लिए सरकार को आगे आने की कोई जरूरत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की सकारात्‍मक सामाजिक ऊर्जा एक आदर्श गांव बनाने में मददगार साबित हो सकती है।

प्रधानमंत्री ने इस पर भी विशेष जोर दिया कि जयापुर गांव के प्रत्‍येक परिवार को हर बच्‍ची के जन्‍म पर जश्‍न मनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी के लिए उनके पास कई योजनाएं हैं, लेकिन वह ‘जनशक्‍ति’ के जरिए इन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की अपेक्षा रखते हैं।