1. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री महामहिम शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 05-08 सितंबर 2022 तक भारत की राजकीय यात्रा की। अपनी यात्रा के दौरान महामहिम प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने भी उनसे मुलाकात की। प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यक्रम में 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद और गंभीर रूप से घायल भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के 200 परिजनों के लिए “बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान छात्र छात्रवृत्ति” का शुभारंभ भी शामिल है। उन्होंने 7 सितंबर 2022 को भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक समुदाय के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया।
2. दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक बैठक की जिसके बाद 6 सितंबर 2022 को शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई। बैठकें बड़ी गर्मजोशी के साथ और सौहार्द भरे माहौल में हुईं। दोनों नेताओं ने गहरे ऐतिहासिक और भाईचारे के संबंधों और लोकतंत्र और बहुलवाद के साझा मूल्यों के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों की उत्कृष्ट स्थिति पर संतोष व्यक्त किया, जो संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ के आधार पर एक सर्वव्यापी द्विपक्षीय साझेदारी यहां तक कि रणनीतिक साझेदारी में भी परिलक्षित होता है।
3. दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल के समारोह में शामिल होने के लिए मार्च 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा और इसके बाद दिसंबर 2021 में बांग्लादेश के विजय दिवस की स्वर्ण जयंती समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए भारत के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा को याद किया।
4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने निरंतर जारी उच्च स्तरीय यात्राओं पर संतोष व्यक्त किया जिससे सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति हासिल करने में मदद मिली है। दोनों पक्षों ने जून 2022 में नई दिल्ली, भारत में आयोजित दो देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में संयुक्त सलाहकार आयोग की सातवीं बैठक के सफल आयोजन को भी याद किया।
5. दोनों प्रधानमंत्रियों ने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार और संपर्क, जल संसाधन, बिजली और ऊर्जा, विकास सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। वे पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आईसीटी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा और ब्लू इकोनॉमी जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग करने पर भी सहमत हुए।
6. उन्होंने आगे क्षेत्रीय और वैश्विक हित के मुद्दों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वैश्विक विकास के कारण कोविड-19 महामारी के प्रभाव और आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधानों को ध्यान में रखते हुए, नेताओं ने क्षेत्र की समृद्धि और विकास के लिए मित्रता और साझेदारी की भावना में अधिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
7. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और उप-क्षेत्रीय रेल, सड़क और अन्य संपर्क पहलों को लागू करने के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने चल रही द्विपक्षीय पहलों का स्वागत किया, जैसे टोंगी-अखौरा लाइन के दोहरे गेज में परिवर्तन, रेलवे रोलिंग स्टॉक की आपूर्ति, बांग्लादेश रेलवे के कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण, बांग्लादेश रेलवे की बेहतर सेवाओं के लिए आईटी समाधान साझा करना आदि। दोनों पक्षों ने कोनिया-लालमोनिरहट-मोगलाघाट-न्यू गितालदह लिंक, हिली और बीरमपुर के बीच एक लिंक की स्थापना, बेनापोल-जशोर लाइन के साथ ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम और रेलवे स्टेशनों को बेहतर करना, बुरीमारी और चांगराबांधा के बीच लिंक को बहाल करना और सिराजगंज में कंटेनर डिपो का निर्माण करना जैसी नई पहलों का भी स्वागत किया, साथ ही दोनों पक्ष द्विपक्षीय विकास सहयोग के तहत वित्तीय साधनों की एक श्रृंखला के माध्यम से इन परियोजनाओं के वित्तपोषण का पता लगाने पर सहमत हुए। बांग्लादेश पक्ष ने अनुदान पर 20 ब्रॉड-गेज डीजल इंजन प्रदान करने के लिए भारत के कदमों का स्वागत किया।
8. दोनों नेताओं ने भारत के बाग्लांदेश के लिए एशिया के सबसे बड़े निर्यात गंतव्य के रूप में उभरने का साथ द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की सराहना की। बांग्लादेश पक्ष ने भारत से चावल, गेहूं, चीनी, प्याज, अदरक और लहसुन जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं की तय आपूर्ति के लिए भारतीय पक्ष से अनुरोध किया। भारतीय पक्ष ने कहा कि भारत की मौजूदा आपूर्ति स्थितियों के आधार पर बांग्लादेश के अनुरोधों पर अनुकूल रूप से विचार किया जाएगा और इस संबंध में सभी प्रयास किए जाएंगे।
9. यह स्वीकार करते हुए कि भारत-बांग्लादेश सीमा का शांतिपूर्ण प्रबंधन एक साझा प्राथमिकता है, दोनों नेताओं ने अधिकारियों को जीरो लाइन के 150 गज के भीतर सभी लंबित विकास कार्यों को पूरा करने के लिए काम में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिसमें त्रिपुरा सेक्टर से शुरू होने वाली बाड़ का काम शामिल है जिससे सीमाओं को शांतिपूर्ण और अपराध मुक्त बनाए रखा जाए।
10. इस बात पर संतोष जताने के साथ कि सीमा पर होने वाली घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में काफी कमी आई है, दोनों पक्षों ने इस संख्या को शून्य पर लाने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली नोटों की तस्करी के खिलाफ और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए सीमा की सुरक्षा कर रहे दोनों तरफ के सुरक्षा बलों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी प्रकारों और स्वरूपों को खत्म करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई और आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने और मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में अपने सहयोग को और अगले स्तर तक मजबूत करने का निर्णय लिया।
11. भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग (23-25 अगस्त 2022, नई दिल्ली) की 38वीं मंत्रिस्तरीय बैठक के आयोजन पर संतोष व्यक्त करते हुए, दोनों नेताओं ने जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार और जल संसाधन मंत्रालय, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश के बीच सीमा पर मौजूद नदी कुशियारा से पानी की निकासी पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया जो बांग्लादेश को अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने और दक्षिण असम की जल परियोजनाओं में मदद करेगा।
12. भारतीय पक्ष ने त्रिपुरा राज्य की तत्काल सिंचाई आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, फेनी नदी पर अंतरिम जल बंटवारा समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया। बांग्लादेश पक्ष ने भारतीय अनुरोध को दर्ज कर लिया है। भारतीय पक्ष ने त्रिपुरा में सबरूम शहर के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए फेनी नदी से 1.82 क्यूसेक पानी की निकासी पर दोनों देशों के बीच 2019 के एमओयू को लागू करने के लिए भारत को इनटेक वेल का निर्माण करने में मदद के लिए बांग्लादेश को धन्यवाद दिया।
13. द्विपक्षीय संबंधों में जल प्रबंधन के महत्व को स्वीकार करते हुए, नेताओं ने आंकड़ों के आदान-प्रदान को प्राथमिकता देने और अंतरिम जल बंटवारे समझौतों की रूपरेखा तैयार करने के लिए अन्य नदियों को शामिल करके सहयोग के क्षेत्र को व्यापक बनाने के लिए संयुक्त नदी आयोग के निर्णय की सराहना की। नेताओं ने गंगा जल बंटवारा संधि, 1996 के प्रावधानों के तहत बांग्लादेश द्वारा प्राप्त पानी के अधिकतम उपयोग के लिए एक अध्ययन करने के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति के गठन का स्वागत किया।
14. पूर्व की चर्चाओं को याद करते हुए, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर अंतरिम समझौते को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के लंबे समय से लंबित अनुरोध को दोहराया, जिसके मसौदे को 2011 में अंतिम रूप दिया गया था। दोनों नेताओं ने नदियों में प्रदूषण, दोनों देशों की सीमाओं पर नदियों के संबंध में नदी के पर्यावरण और नदी की नौ परिवहन में सुधार करने जैसे मुद्दों को हल करने के लिए अधिकारियों को एक साथ काम करने का भी निर्देश दिया।
15. उप-क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की भावना में, दोनों नेताओं ने कटिहार (बिहार) से बांग्लादेश में पार्बतीपुर से होकर बोरनगर (असम) तक प्रस्तावित उच्च क्षमता वाली 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन सहित दोनों देशों के पावर ग्रिड को जोड़ने के लिए परियोजनाओं को तेजी से लागू करने पर सहमति व्यक्त की। जिसे एक स्पेशल पर्पज व्हीकल के लिए उपयुक्त रूप से संरचित भारत-बांग्लादेश संयुक्त उद्यम के माध्यम से बनाया जाना है। विद्युत क्षेत्र में उप-क्षेत्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने पर सहमति बनी। बांग्लादेश पक्ष ने भारत के माध्यम से नेपाल और भूटान से बिजली के आयात का अनुरोध किया। भारतीय पक्ष ने बताया कि इसके लिए दिशा-निर्देश भारत में पहले से ही मौजूद हैं।
16. दोनों नेताओं ने भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन पर हुई प्रगति की समीक्षा की जो बांग्लादेश की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में योगदान देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी। बांग्लादेश पक्ष ने भारतीय पक्ष से पेट्रोलियम उत्पादों के लिए उसकी घरेलू आवश्यकता को पूरा करने में सहायता करने का भी अनुरोध किया। भारतीय पक्ष दोनों पक्षों की अधिकृत एजेंसियों के बीच चर्चा के लिए सहमत हो गया है। भारतीय पक्ष ने असम और मेघालय में विनाशकारी बाढ़ के कारण बाधाओं के बीच असम से त्रिपुरा तक पेट्रोलियम, तेल और ल्यूब्रिकेंट्स के परिवहन की अनुमति देने में बांग्लादेश के समय पर समर्थन की सराहना की। भारतीय पक्ष ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को बांग्लादेश में परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के पंजीकृत जी2जी आपूर्तिकर्ता के रूप में सूचीबद्ध करने के बांग्लादेश पक्ष के निर्णय का भी स्वागत किया।
17. दोनों नेताओं ने विकास साझेदारी में दोनों पक्षों के बीच मजबूत सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। बांग्लादेश पक्ष ने उस दक्षता की सराहना की जिससे भारत द्वारा विकास निधि का वितरण किया गया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान धन संवितरण के मामले में शीर्ष विकास भागीदार बन गया।
18. दोनों नेताओं ने चटगांव और मोंगला बंदरगाहों (एसीएमपी) के उपयोग पर समझौते के तहत ट्रायल रन के सफलतापूर्वक पूरा होने का स्वागत किया और जल्द से जल्द इसके पूर्ण संचालन की आशा जताई। भारतीय पक्ष ने तीसरे देश के आयात निर्यात कार्गो को शामिल करने के लिए 2015 के द्विपक्षीय तटीय नौवहन समझौते के विस्तार की दिशा में काम करने के अपने अनुरोध को दोहराया। दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच सीधे शिपिंग लिंक का तेजी से पता लगाने पर भी सहमत हुए। वे इनलैंड वाटर ट्रांजिट एंड ट्रेड (पीआईडब्ल्यूटीटी) मार्ग 5 और 6 (धुलियन से राजशाही- अरिचा तक विस्तार) और 9 और 10 (दौदकांदी से सोनमुरा) पर नियमों के तहत नदी सेवाएं शुरू करने के निर्णय को लागू करने पर भी सहमत हुए। भारतीय पक्ष ने बांग्लादेश से फेनी नदी पर त्रिपुरा को बांग्लादेश से जोड़ने वाले मैत्री पुल के संचालन के लिए शेष बुनियादी ढांचे, आव्रजन और सीमा शुल्क सुविधाओं को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया।
19. दोनों नेताओं ने बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के शीघ्र संचालन के माध्यम से द्विपक्षीय और उप-क्षेत्रीय संपर्क में सुधार के प्रयासों में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की। भारतीय पक्ष ने पश्चिम बंगाल में हिली से बांग्लादेश होकर मेघालय में महेंद्रगंज तक एक राजमार्ग सहित नई उप-क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं को शुरू करने में सहयोग के लिए बांग्लादेश पक्ष से अनुरोध किया और इस संबंध में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव रखा। इसी भावना से, बांग्लादेश ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना की चल रही पहल में भागीदार बनने की अपनी उत्सुकता को दोहराया।
20. भारतीय पक्ष ने सूचित किया कि उसने निर्दिष्ट भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों/हवाई अड्डों/बंदरगाहों के माध्यम से अपने उत्पादों को तीसरे देशों में निर्यात करने के लिए बांग्लादेश को अपने क्षेत्र के माध्यम से मुफ्त पारगमन की पेशकश की है। इस संबंध में, भारतीय पक्ष ने बांग्लादेश के व्यापारिक समुदाय को तीसरे देशों को सामान भेजने के लिए अपने बंदरगाहों के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। भारत अपने उत्पादों को नेपाल और भूटान को निर्यात करने के लिए बांग्लादेश को मुफ्त पारगमन भी प्रदान करता रहा है। बांग्लादेश पक्ष ने नए उद्घाटन किए गए चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी मार्ग के माध्यम से भूटान के साथ रेल संपर्क का भी अनुरोध किया। भारतीय पक्ष इसकी व्यवहार्यता और सम्भाव्यता के आधार पर अनुरोध पर विचार करने के लिए सहमत हुआ। इसे और अन्य सीमा पार रेल लिंक को व्यवहार्य बनाने के लिए, भारतीय पक्ष ने बांग्लादेश पक्ष से अन्य बातों के साथ-साथ चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी क्रॉसिंग पर बंदरगाह प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया।
21. दोनों नेताओं ने हाल ही में एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन को अंतिम रूप देने का स्वागत किया, जिसमें सिफारिश की गई थी कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने बांग्लादेश को एलडीसी स्तर से आगे के स्तर पर पहुंचाने के लिए दोनों पक्षों के व्यापार अधिकारियों को कैलेंडर वर्ष 2022 के भीतर बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया।
22. दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के महत्व को दोहराते हुए, उन्होंने भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों/भूमि पत्तन पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के उन्नयन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया और पहचाने गए भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर बंदरगाह प्रतिबंधों और अन्य गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने के लिए जोर दिया। भारतीय पक्ष ने बाजार में आसान पहुंच के लिए आईसीपी अगरतला-अखौरा से शुरू करते हुए भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ सीमा पर बंदरगाह प्रतिबंधों के बिना या प्रतिबंधों की नकारात्मक सूची के साथ कम से कम एक प्रमुख भूमि पत्तन के लिए अपना अनुरोध दोहराया। दोनों नेताओं ने पेट्रापोल-बेनापोल आईसीपी में दूसरे फ्रेट गेट के विकास के लिए भारत के प्रस्ताव पर हुई प्रगति का स्वागत किया और अधिकारियों को जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया।
23. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के और गहरे होने पर भी संतोष व्यक्त किया। वे रक्षा के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत परियोजनाओं को शीघ्र अंतिम रूप देने पर भी सहमत हुए, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। भारत ने इस संबंध में बांग्लादेश सशस्त्र बलों के लिए वाहनों की प्रारंभिक खरीद योजनाओं को अंतिम रूप देने का स्वागत किया और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के बढ़ने की आशा जताई। भारतीय पक्ष ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए तटीय रडार प्रणाली प्रदान करने के लिए 2019 समझौता ज्ञापन को जल्द से जल्द लागू करने के अपने अनुरोध को दोहराया।
24. कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का स्वागत करते हुए, जिसमें बांग्लादेश को वैक्सीन मैत्री और ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से, और बांग्लादेश द्वारा भारत को दवाओं का उपहार शामिल है, दोनों नेताओं ने लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। नेताओं ने रेल, सड़क, वायुमार्ग और जलमार्ग से संबंधित कनेक्टिविटी की बहाली पर संतोष व्यक्त किया। इस संबंध में, बांग्लादेश पक्ष ने अधिकांश सड़क और रेल आव्रजन जांच चौकियों पर भारत द्वारा सुविधाओं को फिर से खोलने का स्वागत किया और जल्द से जल्द आवाजाही की सुविधा के लिए सभी भूमि पत्तनों/आईसीपी पर कोविड पूर्व स्थिति की आव्रजन सुविधाओं की बहाली का अनुरोध किया। दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच जून 2022 से तीसरी यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस की नियमित सेवाओं की शुरुआत का स्वागत किया।
25. दोनों नेताओं को बंगबंधु (मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन) पर संयुक्त रूप से निर्मित फिल्म के शीघ्र रिलीज होने की उम्मीद है। वे बांग्लादेश में मुजीब नगर से भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदिया, पश्चिम बंगाल तक ऐतिहासिक सड़क “शाधिनता शोरोक” के संचालन और 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम पर एक वृत्तचित्र का निर्माण सहित अन्य पहलों की दिशा में काम करने के लिए भी सहमत हुए। बांग्लादेशी पक्ष ने 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध पर दुर्लभ वीडियो फुटेज के संयुक्त संकलन का भी प्रस्ताव रखा। बांग्लादेश पक्ष ने भारत के द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में बंगबंधु पीठ की स्थापना की सराहना की।
26. दोनों नेता बांग्लादेश से एक स्टार्ट-अप प्रतिनिधिमंडल की पहली यात्रा की उम्मीदें लगा रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच इनोवेशन में साझेदारी को प्रोत्साहित करेगी। दोनों पक्षों ने आने वाले महीनों में यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के बहाल होने पर भी संतोष व्यक्त किया। बांग्लादेश पक्ष ने भारत की मेडिकल फैसिलिटी में बांग्लादेश के मुक्तिजोधाओं को चिकित्सा प्रदान करने की भारत की पहल की सराहना की।
27. नेताओं ने ‘सुंदरबन के संरक्षण’ पर 2011 के एमओयू के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया, जिसमें जल्द से जल्द जेडब्ल्यूजी का आयोजन करना शामिल है, ताकि इस डेल्टा में स्थित जंगल का इकोसिस्टम और इस इकोसिस्टम पर निर्भर लोग स्थायी रूप से बने रह सकें।
28. दोनों पक्षों ने सहयोग के नए और उभरते क्षेत्रों का लाभ उठाने के महत्व को स्वीकार किया और दोनों पक्षों के अधिकारियों को अंतरिक्ष, हरित ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग और वित्त, स्वास्थ्य और शिक्षा में प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं को इस्तेमाल करने के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्देश दिया।
29. क्षेत्रीय स्थिति के संबंध में, भारत ने म्यांमार के रखाइन राज्य से बलपूर्वक विस्थापित हुए दस लाख से अधिक लोगों को आश्रय देने और मानवीय सहायता प्रदान करने में बांग्लादेश की उदारता की सराहना की और इन जबरन विस्थापित लोगों की उनकी मातृभूमि में सुरक्षित, स्थाई और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास में दोनो देशों का पड़ोसी देश होने की वजह से , बांग्लादेश और म्यांमार दोनों की मदद करने के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
30. दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय संगठनों के माध्यम से मजबूत क्षेत्रीय सहयोग के लिए काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारतीय पक्ष ने बिम्सटेक सचिवालय की मेजबानी करने और इसके बुनियादी ढांचे के विकास में बांग्लादेश के योगदान की सराहना की। भारतीय पक्ष ने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के अध्यक्ष के रूप में बांग्लादेश को अपना समर्थन दोहराया।
31. यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया:
क) जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार और जल संसाधन मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच भारत और बांग्लादेश द्वारा सीमा पर बहने वाली नदी कुशियारा से पानी की निकासी पर समझौता ज्ञापन;
ख) भारत में बांग्लादेश रेलवे कर्मियों के प्रशिक्षण पर रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), भारत सरकार और रेल मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन;
ग) बांग्लादेश रेलवे के लिए आईटी सिस्टम जैसे एफओआईएस और अन्य आईटी एप्लीकेशन में सहयोग पर रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), भारत सरकार और रेल मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन;
घ) वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारत और बांग्लादेश वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (बीसीएसआईआर), बांग्लादेश के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर समझौता ज्ञापन;
च) न्यूजस्पेस इंडिया लिमिटेड और बांग्लादेश सैटेलाइट कंपनी लिमिटेड के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन;
छ) प्रसारण में सहयोग पर प्रसार भारती और बांग्लादेश टेलीविजन (बीटीवी) के बीच समझौता ज्ञापन; और;
ज) भारत में बांग्लादेश न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भारत और बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के बीच समझौता ज्ञापन।
32. यात्रा के दौरान निम्नलिखित का अनावरण/घोषणा/विमोचन किया गया:
क) मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट, रामपाल, बांग्लादेश की यूनिट- I का अनावरण;
ख) रूपशा रेलवे पुल का उद्घाटन;
ग) खुलना-दर्शन रेलवे लाइन और परबोतीपुर-कोनिया रेलवे लाइन के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्श अनुबंध पर हस्ताक्षर की घोषणा।
घ) प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को 23 भारतीय और दक्षिण एशियाई देशों की 5 अन्य भाषाओं में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक ‘7 मार्च भाषण’ के अनुवाद वाली पुस्तक की प्रस्तुति।
च) बांग्लादेश रेलवे को अनुदान के आधार पर 20 ब्रॉड गेज इंजनों की पेशकश के संबंध में घोषणा।
छ) सड़क और राजमार्ग विभाग, बांग्लादेश सरकार को सड़क निर्माण उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति के संबंध में घोषणा।
33. प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना ने सरकार और भारत के लोगों के गर्मजोशी और उदार आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना ने बांग्लादेश की यात्रा के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को सौहार्दपूर्ण निमंत्रण दिया और दोनों नेताओं ने सभी स्तरों और मंचों पर बातचीत जारी रखने की आशा व्यक्त की।