प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत में विश्व पर्यावरण दिवस पर उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दीं। ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब राष्ट्र आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान नए संकल्प ले रहा है, ऐसे आंदोलनों को एक नया महत्व प्राप्त होता है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों के प्रमुख कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हैं। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भारत द्वारा बहुआयामी प्रयासों के उदाहरण के रूप में स्वच्छ भारत मिशन या कचरे से कंचन संबंधी कार्यक्रम, सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी, एक सूर्य एक पृथ्वी या इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम का हवाला दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के प्रयास बहुआयामी हैं। भारत यह प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। दुनिया के बड़े आधुनिक देश न केवल पृथ्वी के अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि अधिकतम कार्बन उत्सर्जन उनके खाते में जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 0.5 टन की तुलना में दुनिया का औसत कार्बन फुटप्रिंट लगभग 4 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे स्थापित संगठन के सहयोग से दीर्घकालिक दृष्टि पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2070 तक भारत के नेट-जीरो के लक्ष्य को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग सॉइल ऑर्गेनिक मैटर कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। और पांचवां, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
उन्होंने कहा कि मिट्टी की समस्या को दूर करने के लिए कृषि क्षेत्र में मुख्य प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रही है। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि इससे 7400 वर्ग किमी का वन क्षेत्र जुड़ जाएगा जो भारत में 20 हजार वर्ग किमी वन क्षेत्र में वृद्धि करेगा जो कि पिछले 8 वर्षों में जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज बायोडायवर्सिटी और वाइल्डलाइफ से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे बाघ हो, शेर हो, तेंदुआ हो या हाथी, सभी की संख्या देश में बढ़ती ही जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, पहली बार स्वच्छता, ईंधन में आत्मनिर्भरता से संबंधित पहल शुरू की गई। किसानों की आय बढ़ाने और मृदा स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आपस में जोड़े गए। उन्होंने गोवर्धन योजना का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से हमारी अनेक बड़ी-बड़ी समस्याओं का बड़ा समाधान होता है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को दुरुस्त करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीएस VI मानदंडों को अपनाने, एलईडी बल्ब अभियान पर जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म आधारित स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता में 18 गुना वृद्धि हुई है और हाइड्रोजन मिशन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था से संबंधित नीतियां, स्क्रैपेज नीति जैसी नीतियां पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि आज भारत ने तय समय से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। उपलब्धि की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में इथेनॉल मिश्रण 1.5 प्रतिशत था। उन्होंने समझाया, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के तीन स्पष्ट लाभ हैं। सबसे पहले, इससे 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। दूसरा, इसने 41 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत की है और तीसरा, देश के किसानों ने पिछले 8 वर्षों में इथेनॉल मिश्रण में वृद्धि के कारण 40 हजार 600 करोड़ रुपये कमाए हैं। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि पर देश के लोगों, किसानों और तेल कंपनियों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टर प्लान के कारण लॉजिस्टिक सिस्टम और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। 100 से अधिक जलमार्गों पर मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी कार्य भी प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने ग्रीन जॉब के पहलू पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर भारत की गति बड़ी संख्या में ग्रीन जॉब के अवसर पैदा कर रही है। उन्होंने पर्यावरण और मिट्टी संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा और अंत में हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए एक जन आंदोलन का आह्वान किया।
‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ बिगड़ती मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे सुधारने के लिए जागरूक पहल शुरू करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है। सद्गुरु ने मार्च 2022 में इस आंदोलन की शुरुआत की थी, जिन्होंने 27 देशों से गुजरते हुए 100 दिन की मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की थी। 5 जून इस 100 दिन की यात्रा का 75वां दिन है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की भागीदारी भारत में मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए साझा चिंताओं और प्रतिबद्धता को दर्शाएगी।
पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है।
विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) June 5, 2022
मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है।
पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं: PM @narendramodi
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तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।
चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।
और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें: PM @narendramodi
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पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है।
इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया: PM @narendramodi
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हम catch the rain जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं।
इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है।
इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है: PM
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भारत आज Biodiversity और Wildlife से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है।
आज चाहे Tiger हो, Lion हो, Leopard हो या फिर Elephant, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है: PM @narendramodi
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इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे।
इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा: PM @narendramodi
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हमने अपनी installed Power Generation capacity का 40 परसेंट non-fossil-fuel based sources से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था।
ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है: PM @narendramodi
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आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी, कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है: PM @narendramodi
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एमजी/एमए/एसकेएस/एसएस
Speaking at a programme on ‘Save Soil Movement’. @cpsavesoil https://t.co/YRYC1vWEsw
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पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है।
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विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है: PM
तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।
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चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।
और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें: PM @narendramodi
मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है।
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पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं: PM @narendramodi
पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है।
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इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया: PM @narendramodi
हम catch the rain जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं।
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इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है।
इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है: PM
भारत आज Biodiversity और Wildlife से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है।
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आज चाहे Tiger हो, Lion हो, Leopard हो या फिर Elephant, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है: PM @narendramodi
इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे।
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इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा: PM @narendramodi
हमने अपनी installed Power Generation capacity का 40 परसेंट non-fossil-fuel based sources से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था।
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ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है: PM @narendramodi
आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
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आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी, कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है: PM @narendramodi
भारत पर्यावरण की दिशा में एक होलिस्टिक अप्रोच के साथ न केवल देश के भीतर काम कर रहा है, बल्कि वैश्विक समुदाय को भी साथ जोड़ रहा है।
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पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही हैं, सभी में किसी ना किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है। pic.twitter.com/DHhnFQNmZh
बीते आठ वर्षों में देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया है। मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है… pic.twitter.com/Hj0o1fRvpC
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2022
देश में बीते वर्षों में सबसे बड़ा बदलाव हमारी कृषि नीति में हुआ है। pic.twitter.com/q5UdgSwruM
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2022
आज पर्यावरण दिवस के दिन देश ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत ने न केवल पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है, बल्कि इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है। pic.twitter.com/xX2C9HQveu
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2022