”यह संग्रहालय प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब है”
“आज़ादी का अमृत महोत्सव के काल में यह संग्रहालय एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है”
“देश आज जिस ऊंचाई पर है, वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत में बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है, मैंने लाल किले से भी यह बात कई बार दोहराई है”
“यह देश के युवाओं को विश्वास दिलाता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है”
“एक दो अपवादों को छोड़ दें, तो भारत में लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है”
“आज जब एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है, विश्व भारत को एक आशा और विश्वास भरी नजरों से देख रहा है, तो भारत को भी हर पल नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने आज मनाए जा रहे विभिन्न त्योहारों का उल्लेख किया। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा “बाबासाहेब जिस संविधान के मुख्य शिल्पकार रहे, उस संविधान ने हमें संसदीय प्रणाली का आधार दिया। इस संसदीय प्रणाली का मुख्य दायित्व देश के प्रधानमंत्री का पद रहा है। यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे प्रधानमंत्री संग्रहालय देश को समर्पित करने का अवसर मिला है।” उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों का अभिनंदन किया और उन्हें बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब यह संग्रहालय एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है। इन 75 वर्षों में देश ने कई गौरवमय पल देखे हैं। इतिहास के झरोखे में इन पलों का जो महत्व है, वो अतुलनीय है।”
प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद से सभी सरकारों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “देश आज जिस ऊंचाई पर है, वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत में बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है। मैंने लाल किले से भी यह बात कई बार दोहराई है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब भी बन गया है। देश के हर प्रधानमंत्री ने संविधान सम्मत लोकतंत्र के लक्ष्यों की पूर्ति में भरसक योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्हें स्मरण करना स्वतंत्र भारत की यात्रा को जानना है। यहां आने वाले लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान से रूबरू होंगे, उनकी पृष्ठभूमि, उनके संघर्ष – सृजन को जानेंगे।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि ज्यादातर प्रधानमंत्री साधारण परिवार से रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेहद गरीब, किसान परिवार से आकर भी ऐसे नेताओं के प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने से भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास दृढ़ होता है। श्री मोदी ने कहा, “यह देश के युवाओं को भी विश्वास दिलाता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है।” प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह संग्रहालय युवा पीढ़ी के अनुभवों को विस्तार देगा। उन्होंने कहा कि हमारे युवा स्वतंत्र भारत की प्रमुख घटनाओं के बारे में जितना अधिक जानेंगे, उनके निर्णय उतने ही प्रासंगिक होंगे।
लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की स्थिति का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के लोकतंत्र की महान विशेषता यह है कि समय के साथ इसमें निरंतर बदलाव आता रहा है। हर युग में, हर पीढ़ी में, लोकतंत्र को और अधिक आधुनिक बनाने, सशक्त करने का निरंतर प्रयास हुआ है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दो अपवादों को छोड़ दें, तो भारत में लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है। उन्होंने कहा, “इसलिए हमारा भी यह दायित्व है कि हम अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें।” भारतीय संस्कृति के समावेशी और उदार तत्वों पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें नवीनता और नए विचारों को स्वीकार करने की प्रेरणा देता है।
भारत के समृद्ध इतिहास और समृद्ध युग को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत की विरासत और उसके वर्तमान की सही तस्वीर के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुराकर ले जायी गई धरोहरों को विदेशों से वापस लाने के सरकार के प्रयास, गौरवशाली विरासत के स्थानों का जश्न मनाना, जलियांवाला स्मारक, बाबासाहेब की याद में पंच तीर्थ, स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय, आदिवासी इतिहास संग्रहालय जैसी जगहों पर स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोना इस दिशा में उठाए गए कदम हैं।
इस संग्रहालय के संग्रहालय के लोगो, जिसमें कई हाथ चक्र को पकड़े हुए हैं, पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चक्र 24 घंटे की निरंतरता और समृद्धि एवं कड़ी मेहनत के संकल्प का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह संकल्प, चेतना और शक्ति आने वाले 25 वर्षों में भारत के विकास को परिभाषित करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने बदलती विश्व व्यवस्था और उसमें भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “आज जब एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है, विश्व भारत को एक आशा और विश्वास भरी नजरों से देख रहा है, तो भारत को भी हर पल नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे।”
Speaking at the inauguration of Pradhanmantri Sangrahalaya in Delhi. https://t.co/I2ArKZRJdg
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2022
बाबा साहेब जिस संविधान के मुख्य शिल्पकार रहे, उस संविधान ने हमें संसदीय प्रणाली का आधार दिया।
इस संसदीय प्रणाली का प्रमुख दायित्व देश के प्रधानमंत्री का पद रहा है।
ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे, प्रधानमंत्री संग्रहालय, देश को समर्पित करने का अवसर मिला है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब ये म्यूजियम, एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है।
इन 75 वर्षों में देश ने अनेक गौरवमय पल देखे हैं।
इतिहास के झरोखे में इन पलों का जो महत्व है, वो अतुलनीय है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
देश आज जिस ऊंचाई पर है, वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है।
मैंने लाल किले से भी ये बात कई बार दोहराई है।
आज ये संग्रहालय भी प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
देश के हर प्रधानमंत्री ने संविधान सम्मत लोकतंत्र के लक्ष्यों की पूर्ति में भरसक योगदान दिया है।
उन्हें स्मरण करना स्वतंत्र भारत की यात्रा को जानना है।
यहां आने वाले लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों की योगदान से रूबरू होंगे, उनकी पृष्ठभूमि, उनके संघर्ष—सृजन को जानेंगे: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
ये हम भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं।
सुदूर देहात से आकर, एकदम गरीब परिवार से आकर, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
ये देश को युवाओं को भी विश्वास देता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
ये संग्रहालय, आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान का, विचार का, अनुभवों का एक द्वार खोलने का काम करेगा।
यहां आकर उन्हें जो जानकारी मिलेगी, जिन तथ्यों से वो परिचित होंगे, वो उन्हें भविष्य के निर्णय लेने में मदद करेगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
भारत, लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है।
भारत के लोकतंत्र की बड़ी विशेषता ये भी है कि समय के साथ इसमें निरंतर बदलाव आता रहा है।
हर युग में, हर पीढ़ी में, लोकतंत्र को और आधुनिक बनाने, सशक्त करने का निरंतर प्रयास हुआ है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
एक दो अपवाद छोड़ दें तो हमारे यहां लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है।
इसलिए हमारा भी ये दायित्व है कि अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
हम तो उस सभ्यता से हैं जिसमें कहा जाता है आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः – यानि हर तरफ से नेक विचार हमारे पास आएं!
हमारा लोकतंत्र हमें प्रेरणा देता है, नवीनता को स्वीकारने की, नए विचारों को स्वीकारने की: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
भारत के इतिहास की महानता से, भारत के समृद्धि काल से हम सभी परिचित रहे हैं।
हमें इसका हमेशा बहुत गर्व भी रहा है।
भारत की विरासत से और भारत के वर्तमान से, विश्व सही रूप में परिचित हो, ये भी उतना ही आवश्यक है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
आज जब एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है, विश्व, भारत को एक आशा और विश्वास भरी नजरों से देख रहा है, तो भारत को भी हर पल नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
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एमजी/एएम/आर/डीवी
Speaking at the inauguration of Pradhanmantri Sangrahalaya in Delhi. https://t.co/I2ArKZRJdg
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2022
बाबा साहेब जिस संविधान के मुख्य शिल्पकार रहे, उस संविधान ने हमें संसदीय प्रणाली का आधार दिया।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
इस संसदीय प्रणाली का प्रमुख दायित्व देश के प्रधानमंत्री का पद रहा है।
ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे, प्रधानमंत्री संग्रहालय, देश को समर्पित करने का अवसर मिला है: PM @narendramodi
जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब ये म्यूजियम, एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
इन 75 वर्षों में देश ने अनेक गौरवमय पल देखे हैं।
इतिहास के झरोखे में इन पलों का जो महत्व है, वो अतुलनीय है: PM @narendramodi
देश आज जिस ऊंचाई पर है, वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
मैंने लाल किले से भी ये बात कई बार दोहराई है।
आज ये संग्रहालय भी प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है: PM @narendramodi
देश के हर प्रधानमंत्री ने संविधान सम्मत लोकतंत्र के लक्ष्यों की पूर्ति में भरसक योगदान दिया है।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
उन्हें स्मरण करना स्वतंत्र भारत की यात्रा को जानना है।
यहां आने वाले लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों की योगदान से रूबरू होंगे, उनकी पृष्ठभूमि, उनके संघर्ष—सृजन को जानेंगे: PM
ये देश को युवाओं को भी विश्वास देता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
ये हम भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
सुदूर देहात से आकर, एकदम गरीब परिवार से आकर, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है: PM
ये संग्रहालय, आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान का, विचार का, अनुभवों का एक द्वार खोलने का काम करेगा।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
यहां आकर उन्हें जो जानकारी मिलेगी, जिन तथ्यों से वो परिचित होंगे, वो उन्हें भविष्य के निर्णय लेने में मदद करेगी: PM @narendramodi
भारत, लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
भारत के लोकतंत्र की बड़ी विशेषता ये भी है कि समय के साथ इसमें निरंतर बदलाव आता रहा है।
हर युग में, हर पीढ़ी में, लोकतंत्र को और आधुनिक बनाने, सशक्त करने का निरंतर प्रयास हुआ है: PM @narendramodi
एक दो अपवाद छोड़ दें तो हमारे यहां लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
इसलिए हमारा भी ये दायित्व है कि अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें: PM @narendramodi
हम तो उस सभ्यता से हैं जिसमें कहा जाता है आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः - यानि हर तरफ से नेक विचार हमारे पास आएं!
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
हमारा लोकतंत्र हमें प्रेरणा देता है, नवीनता को स्वीकारने की, नए विचारों को स्वीकारने की: PM @narendramodi
आज जब एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है, विश्व, भारत को एक आशा और विश्वास भरी नजरों से देख रहा है, तो भारत को भी हर पल नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे: PM @narendramodi
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भारत के इतिहास की महानता से, भारत के समृद्धि काल से हम सभी परिचित रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) April 14, 2022
हमें इसका हमेशा बहुत गर्व भी रहा है।
भारत की विरासत से और भारत के वर्तमान से, विश्व सही रूप में परिचित हो, ये भी उतना ही आवश्यक है: PM @narendramodi