भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर पर रउरा सभन के परनाम का रहल बानी। आज हम एयरपोर्ट के उद्घाटन आ मेडिकल कालेज के शिलान्यास कइनी, जवने के रउरा सब बहुत दिन से आगोरत रहलीं। अब एइजा से जहाज उड़ी आ गंभीर बेमारी के इलाज भी होई। एही के साथे रउरा सभन के बहुत बड़ा सपना भी पूरा हो गइल ह। आप सभी के बहुत-बहुत बधाई !
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमति आनंदीबेन पटेल जी, यूपी के लोकप्रिय और यशस्वी कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, यूपी भाजपा के ऊर्जावान अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव जी, यूपी सरकार के मंत्री श्री सूर्यप्रताप साही जी, श्री सुरेश कुमार खन्ना जी, श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी, डॉक्टर नीलकंठ तिवारी जी, संसद के मेरे साथी श्री विजय कुमार दुबे जी, डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, और भारी संख्या में यहां पधारे मेरे प्यारे बहनों और भाइयों !! दीवाली और छठ पूजा बहुत दूर नहीं है। ये उत्सव और उत्साह का समय है। आज महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती भी है। इस पावन अवसर पर कनेक्टिविटी के, स्वास्थ्य के और रोज़गार के सैकड़ों करोड़ के नए प्रोजेक्ट कुशीनगर को सौंपते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।
भाइयों और बहनों,
महर्षि वाल्मीकि ने हमें रामायण के माध्यम से प्रभु श्रीराम और माता जानकी के दर्शन ही नहीं कराए बल्कि समाज की सामूहिक शक्ति, सामूहिक प्रयास से कैसे हर लक्ष्य प्राप्त किया जाता है, उसका ज्ञानबोध भी कराया। कुशीनगर इसी दर्शन का एक बहुत समृद्ध और पवित्र स्थान है।
भाइयों और बहनों,
नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यहां गरीब से लेकर मिडिल क्लास तक, गांव से लेकर शहर तक, पूरे क्षेत्र की तस्वीर ही बदलने वाली है। महाराजगंज और कुशीनगर को जोड़ने वाले मार्ग के चौड़ीकरण के साथ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तो बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी ही, रामकोला और सिसवा चीनी मिलों तक पहुंचने में गन्ना किसानों को होने वाली परेशानी भी दूर होगी। कुशीनगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज बनने से आपको अब इलाज के लिए एक नई सुविधा मिल गई है। बिहार के सीमावर्ती इलाकों को भी इसका लाभ मिलेगा। यहां से अनेक युवा डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर पाएंगे, और आप जानते हैं हमने राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति जो लाएं हैं न, उसमें निर्णय किया है आजादी के 75 साल बाद यह निर्णय लिया है कि अब अपनी मातृभाषा में पढ़ने वाला बच्चा भी, गरीब माँ का बेटा भी डॉक्टर बन सकता है, इंजीनियर बन सकता है भाषा के कारण अब उसकी विकास यात्रा में कोई रुकावट नहीं पैदा होगी। ऐसे ही प्रयासों के कारण पूर्वांचल में दिमागी बुखार- एन्सेफलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी से हजारों मासूमों को बचाया जा सका है।
साथियों,
गंडक नदी के आसपास के सैकड़ों गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए अनेक जगहों पर तटबंध का निर्माण हो, कुशीनगर राजकीय महाविद्यालय का निर्माण हो, दिव्यांग बच्चों के लिए महाविद्यालय हो, ये क्षेत्र को अभाव से निकालकर आकांक्षाओं की तरफ ले जाएंगे। बीते 6-7 सालों में गांव, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ा, आदिवासी, ऐसे हर वर्ग को मूल सुविधाओं से जोड़ने का जो अभियान देश में चल रहा है, ये उसी की एक अहम कड़ी है।
साथियों,
जब मूल सुविधाएं मिलती हैं, तो बड़े सपने देखने का हौसला और सपनों को पूरा करने का जज्बा पैदा होता है। जो बेघर है, झुग्गी में है, जब उसको पक्का घर मिले, जब घर में शौचालय हो, बिजली का कनेक्शन हो, गैस का कनेक्शन हो, नल से जल आए, तो गरीब का आत्मविश्वास अनेक गुना बढ़ जाता है। अब ये सुविधाएं तेज़ी से गरीब से गरीब तक पहुंच रही हैं, तो गरीब को भी पहली बार ऐहसास हो रहा है कि आज जो सरकार है, वो उसका दर्द समझती है, उसकी परेशानी भी समझती है। आज बहुत ईमानदारी के साथ केंद्र और राज्य सरकार, यूपी के विकास में, इस क्षेत्र के विकास में जुटी हैं। डबल इंजन की सरकार, डबल ताकत से स्थितियों को सुधार रही है। वर्ना 2017 से पहले, योगी जी के आने से पहले जो सरकार यहां थी, उसे आपकी दिक्कतों से, गरीब की परेशानी से कोई सरोकार नहीं था। वो चाहती नहीं थी कि केंद्र की योजनाओं का लाभ उत्तर प्रदेश के गरीब के घर तक पहुंचे । इसलिए पहले की सरकार के समय, गरीबों से जुड़े, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हर प्रोजेक्ट में यूपी में देर होती ही गई, होती ही गई, होती ही गई। राममनोहर लोहिया जी कहा करते थे कि
-कर्म को करूणा से जोड़ो, भरपूर करुणा से जोड़ो।
लेकिन जो पहले सरकार चला रहे थे, उन्होंने गरीब के दर्द की परवाह नहीं की, पहले की सरकार ने अपने कर्म को, घोटालों से जोड़ा, अपराधों से जोड़ा। यूपी के लोग अच्छी तरह जानते हैं, कि इन लोगों की पहचान समाजवादियों की नहीं परिवारवादी की बन गई है। इन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार का भला किया, समाज का और उत्तर प्रदेश का हित भूल गए।
साथियों,
देश का इतना बड़ा राज्य, इतनी ज्यादा आबादी वाला राज्य होने के कारण, एक समय में उत्तर प्रदेश, देश के हर बड़े अभियान के लिए चुनौती मान लिया जाता था। लेकिन आज उत्तर प्रदेश देश के हर बड़े मिशन की सफलता में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बीते वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर कोरोना के विरुद्ध अभियान में ये देश ने लगातार अनुभव किया है। देश में प्रतिदिन औसतन सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने वाला अगर कोई राज्य है तो उस राज्य का नाम उत्तर प्रदेश है। टीबी के विरुद्ध देश की लड़ाई में भी यूपी बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। आज जब हम कुपोषण के विरुद्ध अपनी लड़ाई को भी अगले चरण में ले जा रहे हैं, तो इसमें भी उत्तर प्रदेश की भूमिका बहुत अहम है।
साथियों,
यूपी में कर्मयोगियों की सरकार बनने का सबसे बड़ा लाभ यहां की माताओं-बहनों को हुआ है। जो नए घर बने, उनमें से अधिकांश की रजिस्ट्री बहनों के नाम हुई, शौचालय बने, इज्ज़त घर बने, सुविधा के साथ उनकी गरिमा की भी रक्षा हुई, उज्जवला का गैस कनेक्शन मिला तो उन्हें धुएं से मुक्ति मिली, और अब बहनों को पानी के लिए भटकना ना पड़े, परेशान ना होना पड़े इसके लिए घर तक पाइप से पानी पहुंचाने का अभियान चल रहा है। सिर्फ 2 साल के भीतर ही उत्तर प्रदेश के 27 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल कनेक्शन मिला है।
साथियों,
केंद्र सरकार ने एक और योजना शुरू की है जो भविष्य में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में समृद्धि का नया द्वार खोलने वाली है। इस योजना का नाम है – पीएम स्वामित्व योजना। इसके तहत गांव के घरों की घरौनी यानि घरों का मालिकाना दस्तावेज़, यह देने का काम शुरु किया है। गांव-गांव की जमीनों की, प्रॉपर्टी की, ड्रोन की मदद से नपाई की जा रही है। अपनी प्रॉपर्टी के कानूनी कागज़ मिलने से अवैध कब्ज़े का डर तो समाप्त होगा ही, बैंकों से मदद मिलने में भी बहुत आसानी हो जाएगी। यूपी के जो युवा, गांव के अपने घरों को, अपनी जमीन को आधार बनाकर अपना काम शुरू करना चाहते हैं, अब उन्हें स्वामित्व योजना से बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है।
भाइयों और बहनों,
बीते साढ़े 4 साल में यूपी में कानून के राज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। 2017 से पहले जो सरकार यहां पर थी, उसकी नीति थी – माफिया को खुली छूट, खुली लूट। आज योगी जी के नेतृत्व में यहां माफिया माफी मांगता फिर रहा है और सबसे ज्यादा डर भी, इसका दर्द किसको हो रहा है सबसे ज्यादा योगी जी के कदमों का दुख भी माफियावादियों को हो रहा है। योगी जी और उनकी टीम उस भूमाफिया को ध्वस्त कर रही है, जो गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों की जमीन पर बुरी नजर रखता था, अवैध कब्जा करता था।
साथियों,
जब कानून का राज होता है, अपराधियों में डर होता है, तो विकास की योजनाओं का लाभ भी तेजी से गरीब-दलित-शोषितों-वंचितों तक पहुंचता है। नई सड़कों, नए रेलमार्गों, नए मेडिकल कॉलेजों, बिजली और पानी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का भी तेज़ गति से विकास हो पाता है। यही आज योगी जी के नेतृत्व में उनकी पूरी टीम उत्तर प्रदेश में जमीन पर उतार करके दिखा रहे हैं। अब यूपी में औद्योगिक विकास सिर्फ एक दो शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूर्वांचल के जिलों तक भी पहुंच रहा है।
साथियों,
उत्तर प्रदेश के बारे में एक बात हमेशा कही जाती है कि ये एक ऐसा प्रदेश है जिसने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिये। ये यूपी की खूबी है, लेकिन यूपी की पहचान इस पहचान को लेकर केवल इस दायरे में ही नहीं देखा जा सकता। यूपी को 6-7 दशकों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता! ये ऐसी धरती है जिसका इतिहास कालातीत है, जिसका योगदान कालातीत है। इस भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अवतार लिया, भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। जैन धर्म के 24 में 18 तीर्थंकर, उत्तर प्रदेश में ही अवतरित हुए थे। आप मध्यकाल को देखें तो तुलसीदास और कबीरदास जैसे युगनायकों ने भी इसी मिट्टी में जन्म लिया था। संत रविदास जैसे समाज-सुधारक को जन्म देने का सौभाग्य भी इसी प्रदेश की मिट्टी को मिला है। आप जिस किसी भी क्षेत्र में जाएंगे, उत्तर प्रदेश के योगदान के बिना उसका अतीत, वर्तमान और भविष्य अधूरा ही दिखेगा। उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां पग-पग पर तीर्थ हैं, और कण-कण में ऊर्जा है। वेदों और पुराणों को कलमबद्ध करने का काम यहाँ के नैमिषारण्य में हुआ था। अवध क्षेत्र में ही, यहाँ अयोध्या जैसा तीर्थ है। पूर्वांचल में शिवभक्तों की पवित्र काशी है, बाबा गोरखनाथ की तपोभूमि गोरखपुर है, महर्षि भृगु की स्थली बलिया है। बुंदेलखंड में चित्रकूट जैसी अनंत महिमा वाला तीर्थ है। और तो और तीर्थराज प्रयाग भी हमारे यूपी में ही है। ये सिलसिला यहीं नहीं रुकता है। आप काशी आएंगे तो आपकी यात्रा सारनाथ के बिना पूरी नहीं होगी जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। कुशीनगर में तो हम अभी उपस्थित ही हैं। पूरी दुनिया से बौद्ध श्रद्धालु यहाँ आते हैं। आज तो पहली इंटरनेशनल फ्लाइट से लोग यहाँ पहुंचे भी हैं। अलग अलग देशों से लोग जब कुशीनगर आएंगे, तो श्रावस्ती, कौशांबी और संकिसा जैसे तीर्थ भी जाएंगे। इसका श्रेय भी यूपी के ही हिस्से आता है। श्रावस्ती में ही जैन तीर्थंकर संभवनाथ जी का जन्मस्थान भी है। इसी तरह, अयोध्या में भगवान ऋषभदेव और काशी में तीर्थांकर पार्श्वनाथ और सुपार्श्वनाथ जी की भी जन्मस्थली है। यानी, यहाँ एक-एक स्थान की इतनी महिमा है कि कई कई अवतार एक स्थान पर हुए हैं। यही नहीं, हमारी गौरवशाली महान सिख गुरु परंपरा का भी उत्तर प्रदेश से गहरा जुड़ाव रहा है। आगरा में ‘गुरु का ताल’ गुरुद्वारा आज भी गुरु तेगबहादुर जी की महिमा का, उनके शौर्य का गवाह है जहां पर उन्होंने औरंगजेब को चुनौती दी थी। आगरा का ही गुरुद्वारा गुरुनानक देव और पीलीभीत का छठवी पादशाही गुरुद्वारा भी गुरुनानक देव के ज्ञान और उपदेशों की विरासत सँजोये हुए हैं। इतना सब कुछ देश और दुनिया को देने वाले यूपी की महिमा बहुत बड़ी है, यूपी के लोगों का सामर्थ्य बहुत बड़ा है। इस सामर्थ्य के हिसाब से ही यूपी को पहचान मिले, उसे अपनी इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अवसर मिले, इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।
साथियों,
मैं जानता हूं कि जब मैं उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य की, उत्तर प्रदेश की देश-दुनिया में बन रही नई पहचान की प्रशंसा करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत परेशानी होती है। लेकिन सच कहने से अगर परेशानी होती है तो उनके लिए गोस्वामी तुलसीदास जी कह गए हैं- गोस्वामी जी ने कहा है
जहां सुमति तहं संपति नाना।
जहां कुमति तहं बिपति निदाना ।।
जहां सदबुद्धि होती है, तो वहां हमेशा सुख की स्थिति बनी रहती है, और जहां कुबुद्धि होती है, वहां हमेशा संकट का साया बना रहता है। हम तो गरीब की सेवा का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना काल में देश ने दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त राशन का कार्यक्रम चलाया है। उत्तर प्रदेश के भी लगभग 15 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। आज दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान – सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन- 100 करोड़ टीकों के पास तेज गति से पहुंचने की तैयारी कर रहा है। उत्तर प्रदेश में भी अभी तक 12 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं।
भाइयों और बहनों,
डबल इंजन की सरकार यहां किसानों से खरीद के नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है। यूपी के किसानों के ही बैंक अकाउंट में अभी तक लगभग 80 हजार करोड़ रुपए उपज की खरीद के रुपये पहुंच गए है। 80 हजार करोड़ किसान के खाते में पहुंच गए हैं इतना ही नहीं पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के किसानों के बैंक खाते में 37 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा की जा चुकी है। और यह छोटे किसानों की भलाई के लिए हो रहा है। छोटे- छोटे किसानों को ताकत देने के लिए हो रहा है।
भारत, इथोनॉल को लेकर आज जिस नीति पर चल रहा है, उसका भी बड़ा लाभ यूपी के किसानों को होने वाला है। गन्ने और दूसरे खाद्यान्न से पैदा होने वाला बायोफ्यूल, विदेश से आयात होने वाले कच्चे तेल का एक अहम विकल्प बन रहा है। गन्ना किसानों के लिए तो बीते सालों में योगी जी और उनकी सरकार ने सराहनीय काम किया है। आज जो प्रदेश अपने गन्ना किसानों को उपज का सबसे ज्यादा मूल्य देता है- तो उस प्रदेश का नाम है उत्तर प्रदेश। पहले जो सरकार थी, उसके कार्यकाल में, योगी जी के आने से पहले उसके कार्यकाल में पांच साल में गन्ना किसानों को एक लाख करोड़ रुपए से भी कम का भुगतान किया गया था, 1 लाख करोड़ से भी कम वहीं, योगी जी की सरकार को तो अभी पांच साल भी नहीं हुए हैं और उनकी सरकार में गन्ना किसानों को लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। अब बायोफ्यूल बनाने के लिए, इथेनॉल के लिए उत्तर प्रदेश में जो फैक्ट्रियां लगाई जा रही हैं, उससे गन्ना किसानों को और भी मदद मिलेगी।
भाइयों और बहनों,
आने वाला समय यूपी की आकांक्षाओं की पूर्ति का समय है। आजादी के इस अमृतकाल में, ये हम सभी के लिए जुट जाने का समय है। यहां से यूपी के लिए 5 महीनों की योजनाएं नहीं बनानी हैं, बल्कि आने वाले 25 वर्षों की बुनियाद रख करके यूपी को आगे ले जाना है। कुशीनगर के आशीर्वाद से, पूर्वांचल के आशीर्वाद से, उत्तर प्रदेश के आशीर्वाद से और आप सबके प्रयास से ये सब संभव है, उत्तर प्रदेश के आशीर्वाद से यह पक्का संभव होने वाला है। एक बार फिर आप सभी को अनेक अनेक नई सुविधाओं के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। दीवाली और छठ पूजा की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूँ। हां, एक आग्रह मैं आपसे फिर करुंगा। लोकल के लिए वोकल होना भूलना नहीं है। लोकल खरीदने का आग्रह रखना है, दीवाली हमारे ही पास पड़ोस के भाई बहनों के पसीने से जो चीजें बनी है अगर उसी से ही करेंगे तो दीवाली में अनेक रंग भर जाएंगें, एक नया प्रकाश पैदा होगा, एक नई ऊर्जा प्रकट होगी। यानि त्योहारों में अपने लोकल प्रोडक्ट्स को हमें ज्यादा से ज्यादा खरीदना है। इसी आग्रह के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार।
धन्यवाद !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
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DS/AKJ/SJ/AK
Addressing a public meeting in the sacred land of Kushinagar. https://t.co/RNTaHrekuH
— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2021
जब मूल सुविधाएं मिलती हैं, तो बड़े सपने देखने का हौसला और सपनों को पूरा करने का जज्बा पैदा होता है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
जो बेघर है, झुग्गी में है, जब उसको पक्का घर मिले, जब घर में शौचालय हो, बिजली का कनेक्शन हो, गैस का कनेक्शन हो, नल से जल आए, तो गरीब का आत्मविश्वास और बढ़ जाता है: PM
डबल इंजन की सरकार, डबल ताकत से स्थितियों को सुधार रही है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
वर्ना 2017 से पहले जो सरकार यहां थी, उसे आपकी दिक्कतों से, गरीब की परेशानी से कोई सरोकार नहीं था: PM @narendramodi
लोहिया जी कहा करते थे कि - कर्म को करूणा से जोड़ो, भरपूर करुणा से जोड़ो।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
लेकिन जो पहले सरकार चला रहे थे, उन्होंने गरीब के दर्द की परवाह नहीं की, पहले की सरकार ने अपने कर्म को, घोटालों से जोड़ा, अपराधों से जोड़ा: PM @narendramodi
केंद्र सरकार ने एक और योजना शुरू की है जो भविष्य में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में समृद्धि का नया द्वार खोलने वाली है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
इस योजना का नाम है- पीएम स्वामित्व योजना।
इसके तहत गांव के घरों की घरौनी यानि घरों का मालिकाना दस्तावेज़ देने का काम शुरु किया है: PM @narendramodi
2017 से पहले जो सरकार यहां पर थी, उसकी नीति थी- माफिया को खुली छूट, खुली लूट।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
आज योगी जी के नेतृत्व में यहां माफिया माफी मांगता फिर रहा है और सबसे ज्यादा दर्द भी माफियावादियों को हो रहा है: PM @narendramodi
उत्तर प्रदेश के बारे में एक बात हमेशा कही जाती है कि ये एक ऐसा प्रदेश है जिसने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिये।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
ये यूपी की खूबी है, लेकिन यूपी की पहचान को केवल इस दायरे में ही नहीं देखा जा सकता।
यूपी को 6-7 दशकों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता: PM @narendramodi
ये ऐसी धरती है जिसका इतिहास कालातीत है, जिसका योगदान कालातीत है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
इस भूमि पर मर्यादापुरुष भगवान राम ने अवतार लिया, भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया।
जैन धर्म के 24 में 18 तीर्थंकर, उत्तर प्रदेश में ही अवतरित हुए थे: PM @narendramodi
आप मध्यकाल को देखें तो तुलसीदास और कबीरदास जैसे युगनायकों ने भी इसी मिट्टी में जन्म लिया था।
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संत रविदास जैसे समाजसुधारक को जन्म देने का सौभाग्य भी इसी प्रदेश को मिला है: PM @narendramodi
उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां पग-पग पर तीर्थ हैं, और कण-कण में ऊर्जा है।
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2021
वेदों और पुराणों को कलमबद्ध करने का काम यहाँ के नैमिषारण्य में हुआ था।
अवध क्षेत्र में ही, यहाँ अयोध्या जैसा तीर्थ है: PM @narendramodi
हमारी गौरवशाली सिख गुरु परंपरा का भी उत्तर प्रदेश से गहरा जुड़ाव रहा है।
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आगरा में ‘गुरु का ताल’ गुरुद्वारा आज भी गुरु तेगबहादुर जी की महिमा का, उनके शौर्य का गवाह है जहां पर उन्होंने औरंगजेब को चुनौती दी थी: PM @narendramodi
डबल इंजन की सरकार यहां किसानों से खरीद के नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है।
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UP के किसानों के ही बैंक अकाउंट में अभी तक लगभग 80,000 करोड़ रुपए उपज की खरीद के पहुंच चुके हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि से UP के किसानों के बैंक खाते में 37,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा की जा चुकी है: PM