उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर संयुक्त रूप से संसद टीवी का शुभारम्भ किया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने तेजी से बदलते दौर के साथ संसद से जुड़े चैनल में बदलाव की सराहना की। उन्होंने कहा, यह तब और भी अहम हो जाता है जब 21वीं सदी संवाद और संचार के माध्यम से क्रांति ला रही है। प्रधानमंत्री ने संसद टीवी के शुभारम्भ को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की कहानी में एक नया अध्याय बताया, क्योंकि संसद टीवी के रूप में देश को संचार और संवाद का एक माध्यम मिलने जा रहा है जो राष्ट्र के लोकतंत्र और लोगों के प्रतिनिधि की एक नई आवाज बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन को अपनी स्थापना के 62 वर्ष पूर्ण करने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इंजीनियर दिवस के अवसर पर सभी इंजीनियरों को भी शुभकामनाएं दीं।
आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस को भी ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकतंत्र की बात आती है तो भारत की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, क्योंकि भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, यह एक विचार है। भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक संवैधानिक स्ट्रक्चर नहीं, बल्कि एक स्पिरिट है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधानों की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष के संदर्भ में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया, जब अतीत का गौरव और भविष्य के प्रति भरोसा दोनों हमारे सामने हैं। उन्होंने कहा कि जब मीडिया स्वच्छ भारत अभियान जैसे मुद्दों को उठाता है तो यह लोगों तक तेज गति से पहुंचता है। उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिया स्वतंत्रता संग्राम के 75 एपिसोड की योजना बनाकर या इस अवसर पर विशेष सप्लीमेंट लाकर आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान लोगों के प्रयासों के प्रसार में एक भूमिका निभा सकता है।
कंटेंट के महत्व पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, जब ‘कंटेंट इज किंग’ कहा जाता है तो उनके अनुभव में ‘कंटेंट इज कनेक्ट’ है। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, जब किसी के पास बेहतर कंटेंट होता है तो लोग स्वतः ही उसके साथ जुड़ते जाते हैं। यह बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है क्योंकि संसद में सिर्फ राजनीति नहीं होती है, नीति भी बनती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आम जनता को संसद की कार्यवाही के साथ जुड़ाव महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नया चैनल इस दिशा में काम करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब संसद में सत्र होता है, विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है तो उसमें युवाओं के सीखने के लिए काफी कुछ होता है। हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश उन्हें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने नागरिकों के कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि इस संबंध में जागरूकता के लिए मीडिया एक प्रभावी माध्यम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों से, हमारे युवाओं को हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों, उनके कामकाज के साथ ही नागरिक कर्तव्यों के बारे में सीखने के लिए काफी कुछ मिलेगा। इसी प्रकार, कार्यकारी समितियों, विधायी कार्य के महत्व और विधायिकाओं के कार्य के बारे में पर्याप्त जानकारी होगी, जिससे गहनता के साथ भारत के लोकतंत्र को समझने में सहायता मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद टीवी में जमीनी लोकतंत्र के रूप में पंचायतों के कामकाज पर कार्यक्रम बनाए जाएंगे। ये कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र को एक नई ऊर्जा, एक नई चेतना देंगे।
तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी channels की भूमिका भी तेजी से बदल रही है।
21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए revolution ला रही है।
ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
India is the mother of democracy.
भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है।
भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है।
भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
मेरा अनुभव है कि- “कन्टेंट इज़ कनेक्ट।”
यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं।
ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है!
क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है।
हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
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एमजी/एएम/एमपी/एसके
तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी channels की भूमिका भी तेजी से बदल रही है।
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए revolution ला रही है।
ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें: PM
India is the mother of democracy.
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भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है।
भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है।
भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है: PM
मेरा अनुभव है कि- “कन्टेंट इज़ कनेक्ट।”
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यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं।
ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है!
क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है: PM
हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है।
— PMO India (@PMOIndia) September 15, 2021
हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है: PM @narendramodi