मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति पुतिन!
माननीय!
पूर्वी आर्थिक मंच के प्रतिभागी!
नमस्कार!
मुझे पूर्वी आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है और मैं इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद करता हूं।
मित्रों!
भारतीय इतिहास और सभ्यता में ‘संगम’ शब्द का विशेष अर्थ है। इसका अर्थ है नदियों, लोगों या विचारों का संगम अथवा संयोजन होना। मेरे विचार में व्लादिवोस्तोक सही मायनों में यूरेशिया और प्रशांत का ‘संगम’ है। मैं रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के विजन की सराहना करता हूं। भारत इस विजन को साकार करने में रूस का एक विश्वसनीय साझेदार होगा। वर्ष 2019 में जब मैं मंच में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था तो मैंने ‘एक्ट फार-ईस्ट’ नीति के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा की थी। यह नीति रूस के साथ हमारी विशिष्ट और पसंदीदा रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
माननीय!
राष्ट्रपति पुतिन, मुझे वर्ष 2019 में अपनी यात्रा के दौरान व्लादिवोस्तोक से ज्वेज्दा तक नाव की सवारी के दौरान हमारा विस्तृत वार्तालाप याद है। आपने मुझे ज्वेज्दा में आधुनिक जहाज निर्माण इकाई दिखाई थी और यह आशा व्यक्त की थी कि भारत इस उत्कृष्ट उद्यम में भाग लेगा। आज मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत के सबसे बड़े शिपयार्ड्स में से एक मझगांव डॉक्स लिमिटेड दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ‘ज्वेज्दा’ के साथ साझेदारी करेगा। भारत और रूस ‘गगनयान’ कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में साझेदार हैं। भारत और रूस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग खोलने में भी साझेदार होंगे।
मित्रों!
भारत और रूस के बीच मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है। अभी हाल ही में इसे कोविड -19 महामारी के दौरान टीकों के क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में हमारे सुदृढ़ सहयोग के रूप में देखा गया। महामारी ने हमारे द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और दवा क्षेत्रों के विशेष महत्व को सामने लाया है। ऊर्जा हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है। भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में काफी मदद कर सकती है। मेरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप पुरी इस मंच में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए व्लादिवोस्तोक में हैं। भारतीय कामगार अमूर क्षेत्र में यमल से व्लादिवोस्तोक तक और इसके साथ ही उसके आगे चेन्नई में प्रमुख गैस परियोजनाओं में भाग ले रहे हैं। हमने एक ऊर्जा और व्यापार सेतु की परिकल्पना की है। मुझे खुशी है कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे का कार्य प्रगति पर है। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के साथ-साथ यह कनेक्टिविटी परियोजना भारत और रूस को भौतिक रूप से एक-दूसरे के करीब लाएगी। महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद कई क्षेत्रों में हमारे कारोबारी संबंधों को मजबूत करने में अच्छी प्रगति हुई है। इसमें भारतीय इस्पात उद्योग को कोकिंग कोल की दीर्घकालिक आपूर्ति शामिल है। हम कृषि उद्योग, मिट्टी के बर्तन, रणनीतिक एवं दुर्लभ खनिजों और हीरे में भी नए अवसर तलाश रहे हैं। मुझे प्रसन्नता हो रही है कि साखा-याकुटिया और गुजरात के हीरा प्रतिनिधि इस मंच के तहत ही अलग से वार्तालाप कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वर्ष 2019 में घोषित 1 अरब डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन दोनों देशों के बीच अनगिनत कारोबारी अवसर सृजित करेगी।
रूस के सुदूर-पूर्व के क्षेत्रों और भारत के संबंधित राज्यों के सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाना भी उपयोगी है। वर्ष 2019 में प्रमुख भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यात्रा के दौरान हुई उपयोगी चर्चाओं को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। मैं रूस के सुदूर पूर्व के 11 क्षेत्रों के गवर्नर को जल्द से जल्द भारत आने का निमंत्रण देता हूं।
मित्रों!
जैसा कि मैंने वर्ष 2019 में इस मंच में कहा था, भारतीय प्रतिभाओं ने दुनिया के कई संसाधन संपन्न क्षेत्रों के विकास में बहुमूल्य योगदान दिया है। भारत में एक प्रतिभाशाली और समर्पित श्रमबल है, जबकि सुदूर-पूर्व क्षेत्र संसाधनों के मामले में समृद्ध है। अत: भारतीय श्रमबल के लिए रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र के विकास में योगदान करने की व्यापक गुंजाइश है। सुदूर पूर्व संघीय विश्वविद्यालय, जहां इस मंच की बैठक आयोजित की जा रही है, में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई करते हैं।
माननीय!
राष्ट्रपति पुतिन, मुझे इस मंच में अपने विचार व्यक्त करने का अवसर देने के लिए मैं फिर से आपका धन्यवाद करता हूं। आप सदैव भारत के एक सर्वोत्तम मित्र रहे हैं और आपके मार्गदर्शन में हमारी रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत होती जा रही है। मैं पूर्वी आर्थिक मंच के सभी प्रतिभागियों की सफलता की कामना करता हूं।
स्पासिबा!
धन्यवाद!
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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एमजी/एएम/आरआरएस/सीएस
My remarks at the Eastern Economic Forum. https://t.co/FE8mRgm75q
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2021
In Indian history and civilization, the word “Sangam” has a special meaning.
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2021
It means confluence, or coming together of rivers, peoples or ideas.
In my view, Vladivostok is truly a sangam of Eurasia and the Pacific: PM @narendramodi
In 2019, when I had visited Vladivostok to attend the Forum, I had announced India’s commitment to an “Act Far East policy”.
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2021
This Policy is an important part of our “Special and Privileged Strategic Partnership” with Russia: PM @narendramodi
The friendship between India and Russia has stood the test of time.
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2021
Most recently, it was seen in our robust cooperation during the COVID-19 pandemic, including in the area of vaccines: PM @narendramodi
Energy is another major pillar of our Strategic Partnership.
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2021
India-Russia energy partnership can help bring stability to the global energy market: PM @narendramodi
India has a talented and dedicated workforce, while the Far East is rich in resources.
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2021
So, there is tremendous scope for Indian talent to contribute to the development of the Russian Far East: PM @narendramodi